हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा और अर्की, फतेहपुर, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर भाजपा को मिली करारी मात के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक तरह से हार का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई की वजह से प्रदेश में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं थी।
बता दें कि मंडी लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी और कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और करगिल युद्ध के अनुभवी सैनिक भाजपा उम्मीदवार कौशल ठाकुर को हरा दिया। जबकि इसी लोकसभा सीट से भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने 2019 लोकसभा चुनाव में 4,05,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
मुख्यमंत्री ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ काम किया और ‘उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘ भाजपा हार के कारणों का पता लगाने के लिए आत्ममंथन करेगी और खामियों को दूर करने के लिए रणनीति बनाएगी तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश करेगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जनादेश स्वीकार करते हैं। उन्होंने विजयी हुए कांग्रेस उम्मीदवारों को बधाई दी।
वहीं हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस प्रमुख कुलदीप सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘ठाकुर अपने जिले मंडी में भी भाजपा की सीट बरकरार रखने में नाकाम रहे।’’ उन्होंने उपचुनाव को ‘सेमीफाइनल’ बताया और भरोसा जताया कि कांग्रेस अगले वर्ष दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेगी।
एक ट्वीट में कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश मामलों के प्रभारी संजय दत्त ने कहा, ‘’ यह बदलाव के लिए और केंद्र तथा राज्य में भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ दिया गया जनादेश है। यह जनादेश हमारे नेताओं सोनिया जी और राहुल गांधी जी की जनहितैषी रुख के प्रति जनता की एकजुटता को दर्शाता है।’’