कोरोना वायरस के कहर के बीच उत्तर प्रदेश में बसों को लेकर सियासत का दौर जारी है। अब यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बस विवाद में जमानत मिलने के बाद फिर गिरफ्तार कर लिया गया है। देर रात लखनऊ में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के बाद लल्लू 14 दिन के लिए जेल भेजे गए हैं।
अजय लल्लू को लखनऊ पुलिस ने रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। इसके बाद महानगर में उनका मेडिकल के साथ कोरोना टेस्ट भी करवाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू अस्थाई जेल में रहेंगे। आगरा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ़्तारी के बाद लखनऊ पुलिस देर रात उन्हें राजधानी लेकर पहुंची थी।
अपने मेडिकल परीक्षण के दौरान लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए, लल्लू ने कहा, "ऐसे मामले और जेल की सजा एक राजनीतिक कार्यकर्ता के लिए इनाम है। सरकार मुझे जेल में रख सकती है, लेकिन उन्हें प्रवासी श्रमिकों को तत्काल राहत प्रदान करनी चाहिए।"
एक मामले में मिली थी जमानत
लल्लू को आगरा में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था, जब उन्होंने राजस्थान-यूपी सीमा पर बसों को रोके जाने का विरोध किया था। आगरा की एक अदालत ने उन्हें बुधवार को जमानत दे दी। लेकिन उन्हें बाद में लखनऊ के एक थाने में दर्ज एक अन्य प्राथमिकी के संबंध में फिर गिरफ्तार कर लिया गया। लखनऊ में मंगलवार को दर्ज प्राथमिकी में लल्लू और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर धोखाधड़ी और दस्तावेजों में हेरफेर का आरोप लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार ने कहा कि लल्लू को आगरा की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार दोपहर 20,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। लेकिन इसके तुरंत बाद, उन्हें लखनऊ पुलिस की एक टीम ने मंगलवार रात हजरतगंज पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दायर एक दूसरे मामले में गिरफ्तार किया।
विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने कहा, "अजय कुमार लल्लू के खिलाफ फतेहपुर सीकरी पुलिस स्टेशन में आईपीसी और महामारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अजय कुमार लल्लू को मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया गया था, और उसे अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ पुलिस लाइंस में डाल दिया गया था।" मंगलवार रात लल्लू और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव संदीप सिंह के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज किया गया इसमें धोखाधड़ी और जाली दस्तावेजों से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया।
बस विवाद जारी
कांग्रेस का कहना है कि पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों के लिए उनकी पार्टी बसें उपलब्ध कराना चाहती है। जबकि
पुलिस के अनुसार कांग्रेस की तरफ से प्रदेश सरकार को 1079 बसों की सूची उपलब्ध कराई गई थी। जिसकी जांच संभागीय परिवहन अधिकारी, लखनऊ से कराई गई थी। सूची में 879 बसें निकलीं। 31 ऑटो और थ्री-व्हीलर और 69 एम्बुलेंस, स्कूल बस, डीसीएम, मैजिक और अन्य वाहन मिले। इस मामले में संदीप सिंह और लल्लू के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेज में कूट रचना करने का मुकदमा मंगलवार को दर्ज किया गया था।