उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार की देर शाम जारी एक बयान में भट्ट ने आरोप लगाया कि सोमवार को उनके द्वारा ली जा रही एक समीक्षा बैठक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हुडदंग किया था। इसके विरोध में वह मंगलवार को रानीखेत में उपजिलाधिकारी कार्यालय में धरने पर बैठे थे जहां रावत ने कथित गुंडे भेज दिए। भट्ट ने आरोप लगाया कि प्रदेश में राजनीतिक संकट के दौरान हरीश रावत की कथित करतूतों को उजागर करने के लिए वह भाजपा से बदला लेना चाहते हैं और इसलिए वह उनकी हत्या कराना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा इन बातों से डरने वाली नहीं है और मुख्यमंत्री और उनके साथियों को यह समझाना चाहिए कि वह उनकी सरकार के कथित भ्रष्टाचार को बेनकाब करना जारी रखेगी।
वहीं इन आरोपों को खारिज करते हुए रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने कहा कि विधायकों को खरीदने के लिए करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी राज्य सरकार को गिराने में विफल रहने की गहरी हताशा के चलते भाजपा नेता मुख्यमंत्री के खिलाफ एक बेबुनियाद और सनसनीखेज आरोप लगा रहे हैं। कुमार ने कहा, वे लोग गहरी हताशा में हैं। उन्होंने एक निर्वाचित सरकार को गिराने के लिए करोड़ों रूपये फूंक दिए लेकिन उनकी साजिश विफल हो गई। यह आरोप उनकी अपनी विफलता से जनता का ध्यान हटाने के लिए लगाए जा रहे हैं। कुमार ने कहा, हम सहयोगात्मक संघीय ढांचे में विश्वास करते हैं। हम कड़वाहट और दुश्मनी में यकीन नहीं करते। हम मानते हैं कि उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा।