Advertisement

उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, बीजेपी विधायकों की बुलाई बैठक

सियासी घटनाक्रम के बीच शुक्रवार देर रात उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा...
उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, बीजेपी विधायकों की बुलाई बैठक

सियासी घटनाक्रम के बीच शुक्रवार देर रात उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने राजभवन जाकर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। तीरथ ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर इस्तीफा सौंपा। इससे पहले शाम को उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की थी और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियां गिनाईँ। शनिवार को दोपहर बाद 3 बजे विधायक दल की बैठक होगी। बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को देहरादून पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

अब बीजेपी नेतृत्‍व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को नया मुख्‍यमंत्री बना सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रेस में राज्‍य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, हरक सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है।

इससे पहले संवैधानिक संकट के चलते सीएम रावत ने आलाकमान को इस्तीफे की पेशकश कर दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब तीरथ सिंह रावत आए तो उन्होंने इस्तीफे पर कुछ नहीं कहा।  रावत ने सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य में 20 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी।

तीरथ सिंह रावत ने इस साल की शुरुआत में त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह ली थी। यह दूसरी बार है जब उत्तराखंड में एक साल में मुख्यमंत्री का बदलाव देखने को मिलेगा।

नड्डा को लिखे पत्र में उऩ्होंने कहा है कि आर्टिकल 164-ए के हिसाब से उन्हें मुख्यमंत्री बनने के बाद छह महीने में विधानसभा का सदस्य बनना था, लेकिन आर्टिकल 151 कहता है कि अगर विधानसभा चुनाव में एक वर्ष से कम का समय बचता है तो वहा पर उप-चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। उतराखंड में संवैधानिक संकट न खड़ा हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहता हूं।

रावत को बुधवार को दिल्ली में अचानक बुलाए जाने से राज्य में बदलाव की अटकलें तेज हो गईं, जहां उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। उन्हें  गुरुवार को यहां लौटना था, लेकिन दिल्ली में रूक गए।

नड्डा से मुलाकात के बाद रावत ने संवाददाताओं से कहा कि उपचुनाव कराना या न कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है और पार्टी उसी के मुताबिक आगे बढ़ेगी।

संविधान के अनुसार, पौड़ी गढ़वाल सांसद रावत ने 10 मार्च को सीएम के रूप में शपथ ली थी। उन्हें पद पर  बने रहने के लिए 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad