सत्ता का नशा गर एक बार चढ़ जाए तो आसानी से उतरता नहीं है। अभी तक काबीना मंत्री रहे मदन कौशिक अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन चुके हैं। लेकिन उनका रूतबा बरकरार है। पार्टी के काम से दौरे पर निकले प्रदेश अध्यक्ष ने आज न केवल सरकारी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया, बल्कि गार्ड ऑफ ऑनर भी स्वीकार किया। यह मामला आज उत्तराखंड के सियासी और सचिवालय के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
त्रिवेंद्र सरकार में दो नंबर की हैसियत रखने वाले मंत्री मदन कौशिक तीरथ सिंह रावत के सीएम बनते ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन चुके हैं। मंत्री रहते उन्हं सरकारी मशीनरी पूरा प्रोटोकॉल देती थी। कायदे से तो मंत्री पद से हटने के बाद उन्हें इस पद का प्रोटोकॉल नहीं मिलना चाहिए था। लेकिन इस उत्तराखंड में अफसरशाही कुछ भी कर सकती है।
इसका नजारा उस वक्त दिखा जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक बागेश्वर पहुंचे। वहां वे सरकारी हेलीकाप्टर (चापर) से पहुंचे थे। हालात उस वक्त और अजीब हो गए, जब उन्हें पुलिस की टीम ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। हो सकता है कि सरकारी चॉपर के चक्कर में अफसर किसी गलतफहमी में आ गए हों पर मदन ने भी गार्ड ऑफ ऑनर स्वीकार किया।
इस बारे में बागेश्वर के डीएम विनीत कुमार ने आउटलुक से फोन पर कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाना चाहिए था। फिर भी वे इसे चेक करवा रहे हैं। बागेश्वर के एसपी अनूप श्रीवास्तव ने समाचार एजेंसी एनएनआई से बातचीत में कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर गलत दिया गया है। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। पार्टी अध्यक्ष को सरकारी चॉपर उपलब्ध कराने के बारे में नागरिक उड्डयन सचिव से प्रयास के बाद भी बात नहीं हो सकी।