उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को रावत ने शाम चार बजे के करीब अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस्तीफा देने के बाद रावत ने कहा, पार्टी ने मुझे चार साल तक इस राज्य की सेवा करने का सुनहरा अवसर दिया है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा मौका मिलेगा। पार्टी ने अब फैसला किया है कि सीएम के रूप में सेवा करने का अवसर किसी और को दिया जाना चाहिए। आगे रावत ने जानकारी दी कि भाजपा विधायक दल की बैठक कल सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय पर होनी है।
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष आलाकमानों ने बीते दिनों रावत को दिल्ली बुलाया था जिसके बाद से ही ये माना जा रहा था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है। दरअसल, पार्टी के विधायक-सांसद रावत की कार्यशैली पर लगातार सवाल उठा रहे थे।
सोमवार को राज्य के पार्टी विधायकों और सांसदों के एक वर्ग के भीतर पनप रहे असंतोष को लेकर रावत को दिल्ली बुलाया गया था।
रावत की कार्यशैली को लेकर पार्टी के विधायकों और सांसदों ने सवाल उठाए थे। इससे पहले बीते सप्ताह शनिवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को देहरादून विधानसभा सत्र की चर्चा करने के बाद पहले से बिना किसी निर्धारित तारीख से इतर कोर कमेटी की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा गया था।
इससे मुख्यमंत्री खेमे के साथ-साथ उनके विरोधियों में भी कई लोगों के भीतर असंतोष देखा गया था। रमन सिंह के दौरे के बाद पार्टी के शीर्ष आलाकमानों ने रावत को दिल्ली बुलाया था। जिसके बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही थी कि रावत को इस्तीफा देना पड़ सकता है।