Advertisement

उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड सरकार में शामिल प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के समर्थन को लेकर कांग्रेस संगठन और सरकार के बीच जारी विवाद बढ़ता जा रहा है।
उत्तराखंड: पीडीएफ को लेकर सरकार और प्रदेश कांग्रेस में दरार

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पार्टी कार्यकर्ताओं के बयानबाजी पर नाराजगी जताने पर प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा नसीहत जारी करने के बावजूद आज वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारियों ने अपनी ही सरकार पर पीडीएफ के समर्थन के नाम पर संगठन को हाशिये पर धकेलने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एसपी सिंह, साहित्य संवर्धन कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद सुमन सिंह, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, महामंत्री तरूण पंत, प्रदेश प्रवक्ता आरपी रतूड़ी, हरीकृष्ण भट्ट, मनीष कर्णवाल, दीपक बलूटिया, सुरेश गौरी और सरिता नेगी ने एक संयुक्त बयान जारी कर राज्य सरकार में शामिल निर्दलीय विधायकों द्वारा बार-बार कांग्रेस संगठन के बारे में की जा रही टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा एक ओर पार्टी संगठन को पीडीएफ पर टिप्पणी न करने की नसीहत दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर पीडीएफ के मंत्री कांग्रेस संगठन को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम लेकर धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि सरकार में शामिल निर्दलीय विधायकों वाले पीडीएफ के लोग कांग्रेस संगठन पर लगातार बयानबाजी करते आ रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल की भी इस बात के लिए आलोचना की कि वह भी इस संबंध में अपनी ही पार्टी पर उंगली उठा रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उपाध्याय द्वारा इस संबंध में खुले तौर पर अपनी राय जाहिर न करने की नसीहत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता चुप हैं लेकिन एक सोची समझी साजिश के तहत पीडीएफ विधायक संगठन पर लगातार टिप्पणी कर रहे हैं जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता का मान सम्मान बचाने का दायित्व पार्टी अध्यक्ष का है जबकि सरकार चलाने का कार्य सरकार के मुखिया का। हालांकि उन्होंने कहा, सरकार के मुखिया को सरकार चलाने के साथ ही संगठन के कार्यकर्ताओं के मान की भी रक्षा करनी है क्योंकि सरकार संगठन से है, संगठन सरकार से नहीं। आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी कार्यकर्ताओं के भरोसे ही जाना है, सरकार में बैठे निर्दलीय सदस्यों के भरोसे नहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि निर्दलीय विधायकों वाले पीडीएफ द्वारा पार्टी संगठन पर की जा रही छींटाकशी को मात्र सरकार बचाने के लिए सहन करना उचित नहीं। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उपाध्याय विधानसभा चुनावों से पहले सरकार में शामिल छह सदस्यीय पीडीएफ पर अपना रूख स्पष्ट करने की बात कह रहे हैं जिससे चुनावों के दौरान कांग्रेस को किसी प्रकार की संभावित हानि न हो। इस बात से खफा पीडीएफ लगातार उपाध्याय को निशाना बना रहा है और उनका कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार को समर्थन उपाध्याय के कहने पर नहीं बल्कि कांग्रेस आलाकमान के कहने पर दिया था।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad