अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समाज को निस्वार्थ भाव से काम करने वाले लोगों को एकजुट करना होगा ताकि सकारात्मक माहौल बने। उन्होंने कहा कि भारत को मानवता और दुनिया को मजबूत करना है। अपने संबोधन में उन्होंने वेद, उपनिषदों की बातें करते हुए आतंकवाद और पर्यावरण पर भी बात की।
मोदी आज सुबह इंदौर पहुंचे। इंदौर में मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना का स्वागत किया। सिरीसेना के साथ पांच अन्य देशों के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल थे। वैचारिक कुंभ के आखिरी दिन सम्यक जीवन पर वैचारिक सत्र में श्रीलंका में नेता प्रतिपक्ष सम्पंथान, भूटान के मंत्री डी एन थुंगवेल, नेपाल के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री खिलराज रेग्मी, बांग्लादेश के सांसद साधनचंद्र मजूमदार और मलेशिया दातो एस के देवगनी ने भी अपने विचार रखे।
उम्मीद की जा रही थी कि मोदी क्षिप्रा में डुबकी लगाएंगे। सन 2004 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वह डुबकी लगा चुके हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा और आम लोगों को होने वाली असुविधा को देखते हुए प्रधानमंत्री बिना डुबकी लगाए ही लौट गए हैं।