नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से घिरे आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को सरकारी मदद के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। जानकारी मिली है कि राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता के रूप में वसुंधरा राजे ने ललित मोदी के पक्ष में ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में राजे ने गुपचुप तरीके से ललित मोदी के ब्रिटेन में बने रहने की कोशिशों का समर्थन किया था। टीवी चैनल टाइम्स नाउ के इस खुलासे के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ-साथ वसुंधरा राजे पर भी सवालों से घिर गई हैं। चैनल का दावा है कि अगस्त 2011 में वसुंधरा राजे ने ललित मोदी को यूके में रहने की इजाजत दिलाने के लिए ब्रिटिश सरकार काे चिट्ठी लिखी थी। लेकिन उन्होंने शर्त रखी थी कि इस बात की जानकारी भारत सरकार को न दी जाए। हालांकि, चैनल की ओर से दिखाए जा रहे दस्तावेजों पर वसुंधरा राजे के हस्ताक्षर नहीं हैं। इसलिए इनकी प्रमाणिकता का दावा नहीं किया जा सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि वसुंधरा राजे द्वारा ललित मोदी की मदद का खुलासा ललित मोदी के वकील की ओर से चैनल को भेजे गए दस्तावेजों से हुआ है। ललित मोदी के वकील महमूद अाब्दी की पीआर फर्म की ओर से सोमवार रात भेजे गए इन दस्तावेजों में वसुंधरा राजे की ये पत्र भी शामिल हैं। गौरतलब है कि सोमवार को आब्दी ने एक प्रेस काॅन्फ्रेंस कर यूपीए सरकार पर ललित मोदी को परेशान करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि ललित मोदी की सुरक्षा हटाकर यूपीए सरकार ने उन्हें किस प्रकार देश छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने कुछ दस्तावेज भी दिखाए थे। कहा जा रहा है कि इन्हीं दस्तावेजों से वसुंधरा राजे के जरिये ललित मोदी को मिली सहायता का पता चला है।
ललित मोदी के ब्रिटेन प्रवास को जारी रखने के समर्थन में वसुंधरा राजे की ओर से दिए गए कथित विटनेस स्टेटमेंट में शर्त रखी गई थी कि इसकी जानकारी भारतीय अधिकारियों को नहीं दी जाएगी। यानी वसुंधरा राजे ललित मोदी को लंदन में बने रहने में मदद करते हुए इस बात को गोपनीय भीरखना चाहती थीं। गौरतलब है कि उस समय वसुंधरा राजे राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता थीं। उधर, ललित मोदी को मदद पहुंचाने के मामले में अब विपक्षी दलों ने अब सुषमा स्वराज के साथ-साथ वसुंधरा राजे पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने इस मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी तीखे वार किए हैं। हालांकि, केंद्र सरकार और भाजपा पूरी मजबूती से सुषमा स्वराज के साथ खड़ी है, लेकिन सुषमा के बाद अब वसुंधरा का बचाव पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।