शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी छात्रों को संबोधित किया। 'शिक्षा: दशा और दिशा' नाम से यह कार्यक्रम जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में रखा गया है, जहां राहुल देश में शिक्षा की स्थिति को लेकर छात्रों से रूबरू हुए। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और पुलवामा के शहीदों के श्रद्धांजलि देकर की गई। यहां राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
‘विश्वविद्यालयों में बैठाए जा रहे संघ के लोग’
राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग एक के बाद एक विश्वविद्यालयों में बैठाए जा रहे हैं। उन्हें सिर्फ अपनी विचारधारा से मतलब है, छात्रों से कोई लेना देना नहीं। वो चाहते हैं कि हिंदुस्तान का शिक्षा तंत्र उनका गुलाम बन जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता, हमारा जवाब होगा कि इन संस्थाओं को स्वतंत्रता मिले, छात्रों को तय करने का मौका दिया जाए।
उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर्स आजकल विचारधाराओं और संगठनों से जुड़े हुए हैं। उन्हें वैश्विक विजन और छात्रों से कोई मतलब नहीं है। उन्हें सिर्फ अपनी विचारधारा से मतलब है और वे भारत की शिक्षा व्यवस्था को हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह छात्रों का अपमान है।‘
‘निजीकरण से शिक्षा में नहीं ला सकते बदलाव’
दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि आज देश में सब कुछ 15 से 20 लोगों के लिए हो रहा है, अपना फोन देखिए, बंदरगाह देखिए कुछ लोगों के लिए काम हो रहा है। हम चाहते हैं कि राज्य अपने बजट का ज्यादा से ज्यादा शिक्षा पर खर्च करे। आप देख सकते हैं कि हमारी सरकार के बाद शिक्षा के बजट में कमी आई है। बीजेपी को लगता है कि आप निजीकरण से शिक्षा में प्रगति ला सकते हैं लेकिन हम इसमें विश्वास नहीं करते।
‘पीएम को सुननी चाहिए आपकी बात’
राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं यहां अपने सामान्य वेशभूषा में नहीं आया इसके पीछे तर्क है। मैं अपनी बात रखूंगा लेकिन उससे ज्यादा मैं अपसे सुनना चाहता हूं, आपके मुद्दे क्या हैं और हम क्या कर सकते हैं।‘ राहुल ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री कभी आपके (छात्रों) पास आकर इस तरह से बात करते हैं लेकिन मैं आता हूं कि आप मुझसे कठिन सवाल पूछ सकते हैं। पीएम को आपकी बात सुननी चाहिए ना कि अपनी बात बतानी चाहिए।
‘उद्योगपतियों पर भी लगे आरटीआई’
राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि पारदर्शिता होनी चाहिए। राजनीतिक दल जनता का संगठन है। न्यायपालिका, प्रेस, नौकरशाही यह संस्था है। अगर राजनीतिक दलों पर आरटीआई होनी चाहिए तो प्रेस और न्यायपालिका में भी होनी चाहिए। राहुल ने कहा कि अगर हम आरटीआई के दायरे में आते है तो मैं चाहूंगा कि यह 15-20 उद्योगपतियों पर भी लगे। आज आरटीआई कानून को कमजोर करने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर आप सच में भ्रष्टाचार की बात करना चाहते है, सबसे बड़ा भ्रष्टाचार जमीन के मामले में होता है। हम भूमि अधिग्रहण बिल लाए, कि बिना किसान से पूछे जमीन नहीं ली जाएगी और अगर ली गई तो उन्हें चार गुना दाम देना पड़ेगा लेकिन मोदी सरकार ने आते ही इसे कमजोर करने की कोशिश की।
‘हिंसा को प्यार से ही मिटाया जा सकता है’
अपने निजी जीवन में हिंसा का सामना करने की बात करते हुए राहुल ने कहा कि जब मैं शामली शहीद जवान के परिवार से मिलने गया तो मुझे लगा मेरे पिता की हत्या भी बम घमाके से हुई, इसलिए मुझे पता था कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं। इसके अलावा मेरी दादी को 32 गोलियां मारी गई। लेकिन आज हमसे पूछेंगे तो मैं यही कहूंगा कि हिंसा को प्यार से ही मिटाया जा सकता है। महात्मा गांधी, अशोक के जीवन से हमें यही संदेश मिलता।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में मेरे परिवार के लिए भला-बुरा कह रहे थें, लेकिन मैं जाकर उनके गले लग गया। जब मेरी दादी की मौत हुई तो मेरे पिता बंगाल में थे। मुझे काफी गुस्सा था जब मेरी दादी की हत्या हुई। उनकी हत्या करने वाले उनके सुरक्षागार्ड थे। सतवंत सिंह ने मुझे बैडमिंटन सिखाया था। जब पिता बंगाल से आए और उन्होंने मुझे गले लगाया तब मेरा गुस्सा चला गया।‘
राहुल गांधी ने कहा कि कुछ लोग मुझे पसंद करेंगे, कुछ लोग नापसंद करेंगे लेकिन आप जिसका भी समर्थन कर रहे हैं, उसमें हिम्मत होनी चाहिए कि वो आपके सामने खड़ा होकर आपकी बात सुन सके, आपको गले लगा सके। अगर उसमें हिम्मत नहीं है तो आपको सवाल पूछना चाहिए कि उसमें इतनी हिम्मत क्यों नहीं है।
‘स्टीफंस कॉलेज में हुई थी मेरी रैगिंग’
राहुल गांधी ने अपने सेंट स्टीफंस कॉलेज के दौर की बात साझा करते हुए कहा कि उन्हें याद है कि स्टीफन्स में पेड़ के नीचे उनकी रैगिंग हुई थी। इसके अलावा इतिहास के प्रोफेसर का लेक्चर भी याद है लेकिन जब मैं अमेरिका पढ़ने के लिए गया तब मुझे कल्चरल शॉक लगा। जब मैने देखा कि वहां पर छात्र कितना आक्रामक होकर सवाल पूछते हैं।
‘रोजगार मुख्य समस्या है’
देश और दुनिया में दक्षिणपंथ के उभार के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा भारत, अमेरिका और यूरोप की समस्या को देखें तो मुख्य समस्या यह है कि युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही। रोजगार न मिलने के चलते युवाओं में रोष है और दक्षिणपंथी इसका फायदा उठा रहे हैं। हमारा मुख्य मुकाबला चीन के साथ है लेकिन सरकार यह स्वीकार नहीं कर रही कि देश में रोजगार संकट है। इसका हल हो सकता है, लेकिन इससे पहले मानना होगा कि कहीं न कहीं समस्या है।
‘देश के लिए जान देने वाले जवानों को देंगे शहीद का दर्जा’
डीयू की छात्रा के सवाल कि जो जवान देश के लिए जान देते हैं उन्हें सरकार शहीद का दर्जा नहीं देती के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि अर्धसैनिक बलो को जो शहीद का दर्जा नहीं मिलता है वो मिलना चाहिए। हमारी सरकार आएगी तो उन्हें शहीदों दर्जा मिलेगा।
अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से मिल रहे हैं राहुल
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समाज के विभिन्न वर्ग के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं और उनसे जुड़े मुद्दों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में राहुल गांधी ने 'अपनी बात, राहुल के साथ' अभियान के तहत दिल्ली के एक चाइनीज रेस्टॉरेंट में पिछले दिनों दिल्ली, मुंबई में पढ़ने वाले छात्रों से डिनर पर मिले थे। राहुल के साथ इस मुलाकात में दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज, आईआईटी मुंबई, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइन्स के छात्र शामिल हुए थे तो वहीं 19 फरवरी को दिल्ली के आंध्र भवन में करीब एक दर्जन छोटे व्यापारियों के साथ दोपहर के खाने पर करीब एक घंटे चर्चा की।