बहुगुणा को मिल रहे महत्व से प्रदेश के अन्य भाजपा नेताओं की चिंताएं भी बढ़ी हैं। लेकिन शाह ने पूर्व मुख्यमंत्रियों भगत सिंह, कोश्यारी, रमेश पोखरियाल निशंक और बीसी खंडूरी को भी मंच पर स्थान देकर यह जताने की कोशिश की कि सभी लोग साथ हैं। पूर्व कांग्रेस नेता सतपाल महाराज भी मंच पर सक्रिय नजर रहे। गौरतलब है कि अमित शाह दो दिन की यात्रा पर उत्तराखंड में थे। पहले शाह ने केदारनाथ के दर्शन किए उसके बाद हरिद्वार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया। उसके बाद अगले दिन हल्दानी में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भी शाह ने हिस्सा लिया। इन तीनों ही कार्यक्रमों में बहुगुणा साथ रहे जबकि भाजपा के कई दिग्गज नजर नहीं आए।
ऐसे में माना जा रहा है कि उत्तराखंड की सियासत में विजय बहुगुणा का कद बढ़ा है। जानकार बताते हैं कि जिस तरह से शाह के साथ बहुगुणा नजर आए है उसे देखते हुए प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में कोई बड़ी जिम्मेवारी दी सकती है। वैसे भी राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और भाजपा की कोशिश है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य का प्रतिनिधित्व हो। राज्य की पांच लोकसभा सीटों से भाजपा के सांसद हैं लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल में किसी को जगह नहीं मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य के किसी पूर्व मुख्यमंत्री को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कराकर राज्य का प्रतिनिधित्व कराया जाए और प्रदेश में में पार्टी किसी नए के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरे।