हाल ही में तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद आज पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऐलान किया कि वो दो दिन सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे। सीएम केजरीवाल के इस ऐलान के बाद सियासी दलों की ओर से तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सीएम केजरीवाल के इस ऐलान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। उन्हें समझ आ गया है कि दिल्ली की जनता के बीच उनकी छवि एक ईमानदार नेता की नहीं बल्कि एक भ्रष्ट नेता की है, आज आम आदमी पार्टी पूरे देश में एक भ्रष्ट पार्टी के रूप में जानी जाती है।
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal's 'I am going to resign from the CM position after 2 days' remark, BJP national spokesperson Pradeep Bhandari says, "This is a PR stunt of Arvind Kejriwal. He has understood that his image among the people of Delhi is not of an honest leader… pic.twitter.com/cr10rchu7y
— ANI (@ANI) September 15, 2024
वहीं, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि दोबारा सीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह महज एक नौटंकी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई निर्वाचित नेता जमानत पर जेल से बाहर आया हो और उसे सुप्रीम कोर्ट ने सीएमओ न जाने और किसी भी कागज पर हस्ताक्षर न करने को कहा हो। ऐसी शर्तें पहले कभी किसी सीएम पर नहीं लगाई गई। शायद सुप्रीम कोर्ट को भी डर है कि यह व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट उसके साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहा है। नैतिकता और अरविंद केजरीवाल का कोई संबंध नहीं है।
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal's 'I am going to resign from the CM position after 2 days' statement, Congress leader Sandeep Dikshit says, "There is no question of becoming the CM again. We have been saying this for a long time that he should resign as the CM... This is a… pic.twitter.com/zn0bgXMryd
— ANI (@ANI) September 15, 2024
AAP सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "...मुख्यमंत्री जी अग्निपरीक्षा से गुजरने के लिए तैयार हैं। अब यह दिल्ली की जनता के हाथ में है कि वह ईमानदार हैं या नहीं। अरविंद केजरीवाल ने 2020 में काम के नाम पर वोट मांगे थे और कहा था कि अगर मैंने काम किया है तो मुझे वोट दें, अगर मैंने काम नहीं किया है तो मुझे वोट न दें। दिल्ली की जनता आप को वोट देकर मुख्यमंत्री को ईमानदार घोषित करेगी और आने वाले 2025 के दिल्ली चुनाव में दिल्ली की जनता उस चुनाव के जरिए अपने मुख्यमंत्री को ईमानदार घोषित करेगी..."।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 'मैं 2 दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं' वाले बयान पर AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने ईमानदारी का नया मानदंड स्थापित किया है और कहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठेंगे जब दिल्ली की जनता उन्हें चुनेगी...अरविंद केजरीवाल जल्द ही विधायकों के साथ बैठक करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे..."।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 2 दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "हम मुख्यमंत्री से सहमत हैं। अरविंद केजरीवाल ने लोगों का प्यार, सम्मान और आशीर्वाद कमाया है...अभी तक विधानसभा भंग करने की कोई बात नहीं हुई है..."।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के दो दिन बाद इस्तीफा देने वाले बयान पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का जो नुकसान कर दिया है वो किसी इस्तीफे से पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता इस दर्द का जवाब देगी।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण हम काम नहीं कर पाएंगे। यहां तक कि उन्होंने भी हम पर पाबंदियां लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी... अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं, तो मुझे बड़ी संख्या में वोट दें। मैं चुने जाने के बाद ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। चुनाव फरवरी में होने हैं। मैं मांग करता हूं कि नवंबर में महाराष्ट्र चुनावों के साथ चुनाव कराए जाएं... चुनाव होने तक पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री होगा। अगले 2-3 दिनों में विधायकों की बैठक होगी, जिसमें अगले मुख्यमंत्री पर फैसला होगा।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मैं देश के सारे गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों से हाथ जोड़ कर विनती करना चाहता हूं अब अगर प्रधानमंत्री फर्जी केस करके आपको जेल में डालें तो इस्तीफा मत देना। किसी हालत में इस्तीफा मत देना, जेल से सरकार चलाना। ऐसा नहीं है कि हम पद के लालची हैं इसलिए क्योंकि हमारे लिए हमारा संविधान जरूरी है जनतंत्र को बचाना जरूरी है। इतनी भारी बहुमत से चुनी सरकार को आप जेल में डालकर कहोगे इस्तीफा दे।"