वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 25, 26 और 29 का "गंभीर उल्लंघन" है।
ओवैसी ने कहा कि यह वक्फ बिल नहीं है, बल्कि यह "वक्फ बरबाद बिल" है। एआईएमआईएम प्रमुख ने एनडीए के सहयोगी दलों नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के पीछे के कारणों पर सवाल उठाया।
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, "यह विधेयक असंवैधानिक है। यह विधेयक अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 25, 26 और 29 का गंभीर उल्लंघन है। यह वक्फ विधेयक नहीं बल्कि वक्फ बारबाद विधेयक है। अगर चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी इसकी प्रशंसा करेंगे तो वे अपने राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। वे इसका समर्थन कर रहे हैं लेकिन 5 साल बाद वे जनता को क्या जवाब देंगे? अगर हिंदू एंडोमेंट बोर्ड में कोई गैर-हिंदू सदस्य नहीं बन सकता है, तो आप यहां गैर-मुस्लिम क्यों बना रहे हैं?"
इस बीच, आज लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई तथा मंगलवार को दोपहर 2 बजे पुनः बैठक होगी।
सरकार इस सप्ताह संसद में संशोधित वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने वाली है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोगों को "गुमराह" करने की कोशिश करने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि वक्फ कानून दशकों से अस्तित्व में है।
रिजिजू ने मीडिया से कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि यह वक्फ संशोधन विधेयक असंवैधानिक है। वक्फ नियम आजादी से पहले से ही अस्तित्व में हैं। ये सभी प्रावधान पहले से ही अस्तित्व में हैं। अगर वक्फ अधिनियम आजादी से पहले से अस्तित्व में है, तो यह अवैध कैसे हो सकता है? निर्दोष मुसलमानों को यह कहकर गुमराह किया जा रहा है कि सरकार मुसलमानों की संपत्ति और अधिकार छीनने जा रही है। कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रही झूठी बातें हमारे समाज और राष्ट्र के लिए बहुत हानिकारक हैं।"
कई विपक्षी दल वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले रिजिजू ने कहा कि विधेयक की आलोचना करना हर किसी का अधिकार है, लेकिन यह ठोस होना चाहिए।
सोमवार को कांग्रेस सांसद और पार्टी के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को "संविधान पर सीधा हमला" बताया और विधेयक के क्रियान्वयन का विरोध करने की कसम खाई तथा मांग की कि एनडीए के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यूनाइटेड) इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करें।
जयराम रमेश ने एएनआई से कहा, "वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान पर सीधा हमला है। अगर वे इसे लागू करते हैं, तो हम इसका लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे।"
उन्होंने दावा किया कि संयुक्त संसदीय समिति के माध्यम से विधेयक को "बुलडोजर" से पारित किया गया। उन्होंने कहा कि समिति में प्रत्येक खंड पर गहन चर्चा नहीं की गई।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, जिसे 'एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (यूएमईईडी) विधेयक भी कहा जाता है, का उद्देश्य डिजिटलीकरण, उन्नत ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को लागू करके प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना है।
वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाए गए वक्फ अधिनियम 1995 की लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है।