बेशक क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा को शिकस्त दे रही कांग्रेस 2019 की तैयारियों में जुटी है लेकिन फंडिंग की कमी के चलते उसके लिए यह मुकाबला थोड़ा कठिन हो सकता है। पिछले कई महीनों से क्षेत्रीय दफ्तरों के लिए पैसा भेजने का संकट बना हुआ है। इससे निपटने के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने पार्टी को सलाह दी है कि फंडिंग जुटाने के लिए लोगों से मदद लेनी चाहिए।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें यह स्वीकारने में हिचक होनी चाहिए कि कांग्रेस वित्तीय संकट से जूझ रही है। हमें देश के लोगों से आह्वान करना चाहिए कि भाजपा जैसे धन कुबेर से मुलाबले में हमारी मदद करें।' उन्होंने कांग्रेस को यह सलाह 2019 में भाजपा से मजबूती से लड़ने के लिए दी है।
हाल में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी रिपोर्ट में सात राष्ट्रीय दलों की आमदनी के बारे में बताया गया था जिसमें भाजपा की आमदनी सबसे ज्यादा 1,034.27 करोड़ रुपये थी। सात दलों की 2016-17 में कुल आमदनी 1,559 करोड़ रुपये घोषित थी, जिसमें 66 फीसदी से ज्यादा भाजपा की ही थी जबकि कांग्रेस की आमदनी केवल 225.36 करोड़ रुपये थी। एडीआर ने आमदनी के यह आंकड़े राजनीतिक दलों की आयकर रिटर्न के हवाले से बताए थे जिसमें भाजपा और कांग्रेस ने चंदा तथा दान को मुख्य जरिया बताया था। कांग्रेस को औद्योगिक घरानों से भी काफी कम चंदा मिल रहा है।