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हर प्रदेश में चाहते हैं हम युवा दलित नेतृत्व: राहुल

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए दलितों को लुभाने की कवायद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आरोप लगाया कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने किसी अन्य दलित नेता को आगे नहीं बढने दिया जबकि कांग्रेस हर प्रदेश में युवा दलित नेतृत्व खड़ा करना चाहती है।
हर प्रदेश में चाहते हैं हम युवा दलित नेतृत्व: राहुल

राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से लखनउ में आयोजित दलित नेतृत्व विकास सम्मेलन में कहा, बसपा ने सही काम नहीं किया। बसपा ने दलितों के हित में मायावती के नेतृत्व में ठीक काम नहीं किया। मैं कांशीराम और मायावती को अंतर करके देखता हूं। कांशीराम ने दलितों के लिए अच्छा काम किया मगर उन्होंने जो मंच दिया, मायावती ने उसका सही उपयोग नहीं किया। राहुल ने अपने संबोधन में आरोप लगाते हुए कहा, मायावती ने दलितों के नेतृत्व को दबाया है। उन्होंने दलितों के नेतृत्व को कुचलने का काम किया। किसी दलित नेता को आगे नहीं बढ़ने दिया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान की रचना की। एक आदमी एक वोट का अधिकार दिया। दलितों के लिए जितना कार्य होना था, उतना नहीं हुआ लेकिन इसके बावजूद काफी काम हुआ है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस दलितों को अपनी ओर बुलाना चाहती है। उन्हें मौका देना चाहती है। उत्तर प्रदेश में नहीं, हर प्रदेश में दलितों में युवा नेतृत्व खड़ा करना चाहती है। उन्होंने केंद्र सरकार को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि संप्रग शासनकाल में गरीबों के लिए लागू तमाम योजनाओं को भाजपा समाप्त करने की कोशिश कर रही है। रोहित वेमुला की आत्महत्या का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा, उसे हिन्दुस्तान की सरकार ने मारा है। कुलपतियों की सूची देखिए, सब के सब आरएसएस के हैं। हैदराबाद में आरएसएस का कट्टर आदमी कुलपति बना हुआ है, उसी ने वेमुला को दबाया जिसकी वजह से उसे आत्महत्या करनी पड़ी। राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस अपनी प्रतिगामी विचारधारा थोपकर देश की प्रगति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की होने का दावा करते हुए राहुल ने कहा, दस साल में कांग्रेस ने रोजगार का अधिकार दिया। भोजन का अधिकार दिया। सूचना का अधिकार दिया और आदिवासियों को अधिकार दिया। किसानों का कर्ज माफ किया। ये गरीबों को शक्ति देने के कार्यक्रम थे। मनरेगा में हम ये नहीं पूछते थे कि आपकी जात क्या है या आप कहां से हैं। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ इतना चाहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं से लोग गरीबी से निकलें। लेकिन भाजपा एक-एक कर गरीबों के कार्यक्रमों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। राहुल ने कहा कि उनसे सवाल किया जाता है कि वह गरीबों के साथ खाना क्यों खाते हैं। लेकिन भाजपा के लोग उन्हें पूरी शक्ति देना चाहते हैं, जो सबल होता है। जो पीछे खड़ा है, उसे मारना चाहते हैं। इसलिए वे हैरान होते हैं जब मैं गरीबों के यहां जाकर खाना खाता हूं। उन्होंने कहा, वह कहते हैं कि ढोंग हो रहा है। वह ये नहीं समझते कि सच्चे कांग्रेसी के दिल में गरीबों के लिए दु:ख होता है और वह अपने काम से उस दुख को खोजने और कम करने की कोशिश करता है।

सम्मेलन में राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को मनरेगा जैसी योजना बेकार लगती हैं। गरीब लोगों को रोजगार देना मोदी गलती मानते हैं लेकिन उन्हीं के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि मनरेगा जैसी कोई दूसरी योजना नहीं है। मैंने जब जेटली जी से कहा कि मोदी जी जिस योजना को बेकार बता रहे हैं, आप उसे अच्छा कार्यक्रम कहते हैं। ये आप क्या कह रहे हैं। ये बात आप बाहर क्यों नहीं कहते। इस पर जेटली चुप हो गए। राहुल ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार संप्रग सरकार की योजनाओं को समाप्त करना चाहती है लेकिन हम हर कार्यक्रम के लिए लड़ेंगे। जहां भी हमें गरीब लोगों पर अत्याचार दिखेगा, हम वहां आपको दिखाई देंगे।

 

 

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