पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को झटका लगा है। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उपचुनाव में तीनों सीटों पर कब्जा जमाया है। टीएमसी ने बीजेपी और कांग्रेस से एक-एक सीट झटक ली है। लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद 2021 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी के लिए नतीजों ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। यहां तक कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के गढ़ में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की है। यहां भाजपा के चंद्रा पंत ने तीन हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। बता दें कि पश्चिम बंगाल में करीमपुर, खड़गपुर सदर और कालीगंज विधानसभा सीटें और उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट पर सोमवार को वोटिंग हुई थी।
चुनाव अधिकारी के अनुसार, खड़गपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप सरकार ने 20,788 मतों के अंतर से जीत हासिल की। वहीं कालियागंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव तृणमूल कांग्रेस ने 2,304 मतों से जीता है। पश्चिम बंगाल की खड़गपुर सदर, करीमपुर और कालीगंज विधानसभा सीटों पर, 75.34 फीसद मतदान हुआ था।
पिथौरागढ़ में हुआ था मात्र 47 फीसद मतदान
उत्तराखंड में एकमात्र पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में 47 फीसद से अधिक मतदाताओं ने राज्य की अपना वोट डाला। 1,05,711 मतदाताओं के लिए निर्वाचन क्षेत्र में कुल 145 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी-भाजपा के बीच लड़ाई
उपचुनावों को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा के लिए 2021 राज्य विधानसभा चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट कहा जा सकता है। बंगाल में महुआ मोइत्रा के कृष्णानगर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद करीमपुर सीट खाली हो गई थी। खड़गपुर सदर के विधायक के भी इस साल लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी जबकि कालियागंज के कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ रे के निधन के बाद यहां उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा तीन वर्षों के बाद इस उपचुनाव में एक साथ लड़ी हैं।