संसद के केंद्रीय कक्ष में रविवार को महिला जनप्रतिनिधियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक मंत्री रहते हुए सुषमाजी ने जो काम किया वह किसी भी पूर्व मंत्री नहीं किया। यह पीएम द्वारा सुषमा स्वराज की बहुत बड़ी और अहम सार्वजनिक प्रशंसा मानी जा रही है। अपने संबोधन में पीएम ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार एेसी पहली सरकार है जिसमें इतनी महिला मंत्रियों को नियुक्त किया गया है। मौका दिए जाने पर बहुत ऊंचाई तक पहुंचने की महिलाओं की काबिलियत की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा, पहले इतने सालों में कई विदेश मंत्री हुए लेकिन हम उनके नाम तक नहीं जानते। लेकिन सुषमा स्वराज के शानदार काम के बारे में हर कोई जानता है।
विदेश मंत्री के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा ऐसे समय में आई है जब हाल ही में वित्त मंत्रालय ने खर्चों काे लेकर विदेश मंत्रालय की खिंचाई करते हुए उसे खर्चों पर नियंत्रण करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा अरुण जेटली के मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को दिल्ली से नहीं भेजने के लिए भी कहा था। हालांकि वित्त मंत्रालय के इन निर्देशों को मानने से विदेश मंत्रालय ने इनकार कर दिया था। ऐसे में सुषमा के लिए पीएम की प्रशंसा काफी अहम मानी जा रही है।
कार्यक्रम में देश के निर्माण में महिलाओं की भूमिका के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ बजट और आधारभूत संरचनाओं से देश मजबूत नहीं होता। जैसे एक मां अपने बच्चे को मजबूती देती है, वैसे ही भारत का हर नागरिक देश को मजबूती देता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें महिला विकास से आगे बढ़कर सोचना चाहिए और महिला-नीत विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि अपने भाषण में प्रधानमंत्री महिला आरक्षण विधेयक पर कुछ नहीं बोले जिसकी कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पुरजोर वकालत की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल व्यवस्था में बदलाव पर्याप्त नहीं होगा। ढांचे में कुछ बदलाव होते रहते हैं और महिला जन प्रतिनिधियों और नेताओं को प्रौद्योगिकी के स्तर पर संपन्न बनने और प्रभावी हस्तक्षेप करने की जरूरत है। पीएम ने अपने भाषण में अफ्रीकी देश रवांडा को खड़ा करने में महिलाओं की भूमिका का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, लोकसभा की सभी महिला अध्यक्षों ने अच्छा काम किया है। जब मौका दिया जाता है तो महिलाएं पुरूषों से ज्यादा सफल होती हैं।