राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक संकट अब खत्म होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सभी विधायकों से अपनी नाराजगी दूर करने में जुट गए हैं। इसी सिलसिले में सीएम गहलोत ने कहा है कि पिछले एक महीने में पार्टी में जो भी हुआ, हमें देश, राज्य, लोगों और लोकतंत्र के हित में माफ करने और भूलने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया, "कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है, पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है।"
उन्होंने एक और ट्वीट किया, "मैं उम्मीद करता हूँ कि फॉरगेट एन्ड फॉरगिव की भावना के साथ सेव डेमोक्रेसी हमारी प्रायोरिटी होनी चाहिए। देश में वन बाई वन चुनी हुई सरकारों को तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह टॉपल की जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत डेंजरस गेम है।"
गौरतलब है की प्रदेश में चली लंबी सियासी उठा-पटक के बाद अब माहौल शांति की ओर बढ़ रहा है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और उनके समर्थन में उतरे 18 बागी विधायकों ने सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलकर अपनी बात रखी और इस तरह सभी की घर वापसी हो गई है।