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सत्ता में आए तो किसानों का कर्ज दस दिन में माफ कर देंगेः राहुल गांधी

कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक...
सत्ता में आए तो किसानों का कर्ज दस दिन में माफ कर देंगेः राहुल गांधी

कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के एक-दूसरे पर हमले अाआैऔर जनता से वादे की ग‌ति तेज हो रही है। शुक्रवार को कलगी की एक सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर जमकर हमला बोलने के साथ्‍ा ‌ही कहा ‌कि उनकी सरकार आयी तेा वे दस ‌दिन के अंदर ‌किसानों का कर्ज माफ कर देंगे।

राहुल ने कहा, 'मैं मोदी जी के ऑफिस गया और खुद उनसे किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की। उन्होंने मेरे सवाल का जवाब तक नहीं दिया। वहीं, जब मैंने सिद्धरमैया से कहा तो उन्होंने 10  दिन के अंदर किसानों का आठ  हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया।' राहुल ने वादा किया कि जब केंद्र में कांग्रेस सरकार आएगी तो 10  दिन के अंदर हम पूरे देश के किसानों का कर्ज माफ करेंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘पूरे देश के बिजनेस बंद हो गये लेकिन अमित शाह का पुत्र 50 हजार को तीन महीने में 80 करोड़ रुपये में बदल देता है, नाक के सामने चोरी हो रही है लेकिन मोदी जी एक शब्द नहीं कहते। उन्होंने कहा कि पूरे देश में भाजपा और आरएसएस के लोग दलितों को कुचल रहे हैं और मार रहे हैं और जो व्यक्ति अांबेडकर जी की बात करते हैं उनके मुंह से एक शब्द भी नहीं निकलता। भाजपा के लोग चाहते हैं कि कर्नाटक को आरएसएस चलाये। आपकी जो भाषा, इतिहास, संस्कृति, खाना है, उसे भाजपा और आरएसएस के लोग कुचलना चाहते हैं।‘

 राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई कर्नाटक की जनता का पैसा दिलवाने की लड़ाई है। भाजपा के लोग आपका पैसा छीनते हैं नीरव मोदी, रेड्डी ब्रदर्स को देते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी का नारा बदल गया है, पहले था ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मगर अब नया नारा है ‘बेटी बचाओ भाजपा के एमएलए से।’ उन्होंने कहा कि उनके मंत्री पीयूष गोयल देश को नहीं बताते कि उनकी कंपनी है, छुपाते हैं और फिर उसको बेच देते हैं, करोड़ों रुपया कमाते हैं लेकिन नरेन्द्र मोदी जी एक शब्द नहीं कहते।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बीदर के गुरुद्वारे गए। ज्यादातर उनकी सभाएं उत्तर कर्नाटक इलाके में हैं।  यह लिंगायत समुदाय के प्रभुत्व वाला इलाका माना जाता है। लिंगायत की संख्या राज्य में सबसे ज्यादा है। 

गौरतलब है कि कर्नाटक की राजनीति में मठों का खासा असर माना जाता है। राज्य में प्रमुख रूप से तीन मठों का वर्चस्व है, जो तीन अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये तीन मठ लिंगायत समुदाय, वोक्कालिग्गा समुदाय और कुरबा समुदाय से जुड़े हैं। लिंगायत समुदाय की करीब 17 फीसदी आबादी है। विधानसभा की 224 सीटों में से सौ पर इस समुदाय का असर माना जाता है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री के. सिद्धरमैया ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने की मांग मानते हुए बड़ा पासा चला है तो पीएम मोदी अपनी रैलियों में लिंगायत समुदाय पर लिए फैसले पर बोलने से बचते दिखाई दिए।

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