इस साल के जनवरी महीने से वसुंधरा राजे समर्थकों ने एक अलग मंच बनाकर आलाकमानों से राजे को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की थी। जिसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना था कि ये फैसला व्यक्तिगत तौर पर नहीं लिया जा सकता है। और अब इस बात की चर्चा भाजपा नेतृत्व की तरफ से तेज हो गई है कि क्या राजस्थान में मौजूदा भाजपा नेतृत्व ही 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की अगुवाई करेगा।
दरअसल, पार्टी में गुटबाजी के बीच ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा कर दी है कि भाजपा वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में राजस्थान में तीन चौथाई बहुमत के साथ अगली सरकार बनाएगी। इससे अब ये स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा बिना किसी चेहरे के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
रैली को संबोधित करते हुए मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं कि 2023 में सतीश पूनिया के नेतृत्व में तीन चौथाई बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी और मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।”
अब इस बयान के बाद राजस्थान की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है। अब इस बात के भी कयास हैं कि भूपेंद्र यादव आगामी विधानसभा में भाजपा के चेहरे हो सकते हैं। दरअसल, राज्य में अभी भी भाजपा के पास राजे का कोई विकल्प नहीं है। वहीं, पूनिया और राजे के बीच कई मोर्चों पर दंगल देखने को मिला है। बीते उपचुनाव में ये चीजें सीधे तौर पर सामने निकल कर आई थी।
अब भाजपा की इन चालों के बाद ये देखा जा रहा है कि पार्टी राजे को किनारे लगाकर नए चेहरों को सामने ला सकती है। आउटलुक से बातचीत में भी पूनिया ने इस बात को स्वीकरा किया था कि जेंरेशन बदलने के साथ-साथ नेताओं का भी बदलाव होना चाहिए। राज्य में कई ऐसे चेहरे हैं जो भाजपा के चेहरे बन सकते हैं।
अभी लंबा वक्त है चुनाव में, लेकिन अब वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों के नीचे से जमीन खिसकती हुई दिखाई दे रही है। क्योंकि, पिछले दिनों पार्टी से निलंबित रोहिताश शर्मा ने मंच से ही वसुंधरा राजे को फोन कर उन्हें सीएम उम्मीदवार घोषित कर दिया था। अब संभावनाएं हैं कि वसुंधरा राजे समर्थक और पूनिया, दोनों आमने-सामने आ सकते हैं।