भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चल रहे संघर्ष पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुरुआत से ही केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। गलवन घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष के बाद राहुल गांधी के हमले और तेज हो गए हैं। कांग्रेस नेता ने गुरुवार को एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता ने आज एक वीडियो जारी कर सवाल किया है कि लद्दाख में हमारे वीरों को निहत्था खतरे में भेजने के लिए कौन जिम्मेदार है? हालांकि राहुल गांधी के इस सवाल पर भाजपा ने पलटवार करते हुए पूरी कांग्रेस पार्टी को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। भाजपा का कहना है कि इस समय राहुल गांधी को देश को गुमराह करने की राजनीति से बाज आना चाहिए।
दरअसल, राहुल गांधी ने गुरुवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि शहीद हुए वीरों को बिना हथियार खतरे की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?' बता दें कि राहुल ने कल भी ट्वीट कर पूछा था कि लद्दाख सीमा पर क्या चल रहा है इसके बारे में केंद्र को बताना चाहिए।
राहुल गांधी के ट्वीट पर भाजपा का पलटवार
भाजपा नेता संबित पात्रा ने राहुल पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राहुल को कांग्रेस काल में चीन के साथ हुए समझौतों के बारे में पढ़ने की नसीहत दे दी। संबित पात्रा ने 1996 में हुए चीन के साथ समझौते के बारे में बताते हुए कहा, 'अगर आप पढ़े लिखे नहीं है, जानकारी नहीं है। घर में बैठकर लॉकडाउन का इस्तेमाल करते हुए कुछ किताबें पढ़नी चाहिए थी। चीन के साथ कांग्रेस के शासन काल में क्या-क्या समझौते हुए थे, यह आपको पढ़ लेना चाहिए था।' उन्होंने बताया कि इस समझौते में तय किया गया था कि दोनों और से कोई गोली नहीं चलाई जाएगी, विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं होगा और न ही हथियार के साथ सैनिक रहेंगे।
साथ ही संबित पात्रा ने कहा कि शुक्रवार को चीन मसले पर सर्वदलीय बैठक है। ऐसे में राहुल को इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ट्वीट कर बताना चाहिए कि उन्हें अगर पीएम, सेना पर भरोसा नहीं है, तो किस पर भरोसा है। राहुल को अपनी प्रापगैंडा की राजनीतिक को तुरंत बंद करनी चाहिए।
राहुल गांधी ने राजनाथ सिंह पर भी बोला था हमला
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पर भी हमला बोला था। राजनाथ सिंह ने सैनिकों की जान जाने पर संवेदना व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया था, जिसे री-ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने उनसे पांच सवाल पूछे थे. राहुल ने लिखा था, 'अगर आपको इतना दर्द महसूस हो रहा है तो बताइए कि क्यों आपने ट्वीट में चीन का नाम न लेकर भारतीय सेना को अपमानित किया? क्यों दो दिन बाद सांत्वना व्यक्त कर रहे हैं? क्यों रैली को संबोधित कर रहे थे, जब एक ओर जवान शहीद हो रहे थे? क्यों छिपे हुए हैं और मीडिया के जरिए भारतीय सेना को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं? क्यों मीडिया के जरिए सरकार की जगह सेना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है?'
हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों को गंवानी पड़ी थी जान
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी, जबकि चार से पांच सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह हिंसक झड़प सोमवार शाम उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक सीमा पर भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी.