रमेश के इस बयान के बाद से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कुछ बोलने से बचने लगे। आउटलुक से बातचीत में कई नेताओं ने स्वीकार किया कि इस तरह का बयान देकर रमेश ने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया है। क्योंकि अनुभव से पार्टी चलती युवा जोश से नहीं। कई नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि अगर राहुल युवाओं के नेता हैं तो आज युवा क्यों नहीं उनके साथ नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि रमेश ने यह संकेत दिया कि जब राहुल पार्टी की कमान संभाल लेंगे तब वरिष्ठ नेताओं की भूमिका सलाहकार की हो जाएगी। रमेश के इस बयान का समर्थन पार्टी नेता शशि थरूर ने भी किया। जबकि पार्टी प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि राहुल सिर्फ युवाओं के नेता हैं। रमेश के बयान के बाद से एक बार फिर कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर चर्चा होने लगी है कि क्या कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगाएगी। हालांकि रमेश ही इस बात का खंडन करते हैं और कहते हैं राहुल गांधी ऐसा नहीं करेंगे बल्कि वरिष्ठ नेताओं को सलाहकार की भूमिका में रखा जाएगा।
राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने के लिए लंबे समय से पार्टी के अंदर दो राय चल रही है। रमेश इस बात के पक्षधर रहें हैं कि अब नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। वहीं कई नेता नहीं चाहते कि अभी राहुल को कमान सौंपी जाए। लेकिन इस बयान के बाद से एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।