राहुल की केदारनाथ यात्रा को कांग्रेस के उदार हिंदुत्व की ओर झुकाव के तौर पर भी देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पार्टी के भीतर बहुसंख्यकों की नाराजगी और अनदेखी को लेकर सवाल उठने लगे थे। हालांकि, राहुल गांधी का कहना है कि वह दो साल पहले हुई तबाही के पीडि़तों के प्रति सम्मान व्यक्त करने केदारनाथ आए हैं। इससे पर्यटकों और स्थानीय लोगों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।
अभी तक राजनीति में कामयाबी से दूर रहे राहुल गांधी की पैदल तीर्थ यात्रा से देश भर में उनकी आध्यात्मिक और जुझारू छवि का संदेश जाएगा। राहुल गांधी पर अब तक जमीनी नेता न होने और वास्तविकता से अनजान होने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी ने उत्तराखंड पहुंचकर जिस अंदाज में आम तीर्थ यात्रियों की तरह पैदल चढ़ाई की, उससे उनकी छवि चमकाने में मदद मिल सकती है।
राहुल गांधी के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी अंबिका सोनी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद थे। इससे पहले आज सुबह परंपरागत रस्मों के बीच केदारनाथ के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। राहुल गांधी का काफिला रुद्रप्रयाग के गौरकुंड हैलीपैड से करीब 11 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के बाद गुरुवार को लिंचोली पहुंचा था। वहां रात गुजराने के बाद सुबह 6 किलोमीटर की चढ़ाई कर राहुल गांधी केदारनाथ मंदिर पहुंचे। राहुल गांधी ने 2013 की आपदा में तबाह हुए केदारधाम के पुनर्निर्माण और यात्रा व्यवस्था पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत का आपदाग्रस्त क्षेत्रा में हेलीपैडों का निर्माण का विचार सराहनीय है। अन्य राज्यों को भी इस पर विचार करना चाहिए ताकि संकट के समय लोगों को बाहर तत्काल बाहर निकाला जा सके।
हेलीकॉप्टर से आता तो हकीकत न दिखती
राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह हेलीकॉप्टर से यात्रा करते, तो रास्ते के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाते। त्रासदी के बाद से लेकर अब तक हालात पूरी तरह सुधर चुके हैं। राहुल ने कहा, आपदा के बाद यहां काम करने वालों ने खून-पसीना बहा दिया। उनके बारे में निगेटिव बातें कही गईं। कहा गया कि यहां कोई काम नहीं हो रहा है। सच यह है कि त्रासदी के बाद बहुत काम हुआ है।
यात्रा पूरी तरह सुरक्षित
राहुल गांधी ने केदारनाथ यात्रा की व्यवस्था को चाक चौबंद और पूरी तरह सुरक्षित बताया है। उनका कहना है कि पर्यटकों का आत्म विश्वास बढ़ाने के लिए ही वह पैदल चलकर केदारनाथ पहुंचे हैं। राहुल गांधी के साथ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि कल 11 किलोमीटर और आज सुबह 6 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई के दौरान राहुल गांधी जोश से भरपूर नजर आए और सबसे आगे चल रहे थे। भगवान के दर्शन करने के बाद राहुल हेलीकाप्टर से देहरादून लौट गए।