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ओडिशा रेल हादसे पर खड़गे का प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, कहा- इस हादसे पर जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार

ओडिशा में हुए रेल हादसे ने कई मासूमों की जान ले ली। यह भयावह दुर्घटना पूरे देश में चर्चा का कारण बनी हुई...
ओडिशा रेल हादसे पर खड़गे का प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, कहा- इस हादसे पर जवाबदेही तय करने से ध्यान न भटकाए सरकार

ओडिशा में हुए रेल हादसे ने कई मासूमों की जान ले ली। यह भयावह दुर्घटना पूरे देश में चर्चा का कारण बनी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हादसे पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के ‘‘सुरक्षा के सभी खोखले दावों’’ की पोल खुल गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में, खड़गे ने सीबीआई जांच की मांग की है। इसके साथ ही रेल मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसी अपराधों की जांच करने के लिए है, रेल दुर्घटनाओं की नहीं। कांग्रेस प्रमुख ने कहा, "प्रभारी...आप खुद और रेल मंत्री वैष्णव...आप यह स्वीकार ही नहीं करना चाहते कि वाकई समस्याएं हैं।"

खड़गे ने कहा, "रेल मंत्री ने दावा कि उन्हें एक मूल कारण मिल गया है। इसके बावजूद उन्होंने सीबीआई से जांच करने का अनुरोध किया है। सीबीआई रेलवे दुर्घटनाओं की जांच के लिए नहीं अपराधों की जांच करने के लिए है। अन्य कोई भी कानून प्रवर्तन एजेंसी, तकनीकी के लिए जवाबदेही तय नहीं कर सकती है। उनके पास रेलवे सुरक्षा, सिग्नलिंग और रखरखाव प्रथाओं में तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है।"

कांग्रेस चीफ का कहना है कि सुरक्षा को लेकर अब रेल यात्री चिंतित हैं। उन्होंने कहा, "चिंता को दूर करने के लिए सरकार को जिम्मेदारी के साथ गंभीर दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता लगाकर उन्हें सामने लाना चाहिए।" बता दें कि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस के बीच हुए हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक घायल हो गए।

गौरतलब है कि इन ट्रेनों में कुल मिलाकर लगभग 2,500 यात्री सवार थे। खड़गे ने कैग की नवीनतम ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि कैसे 2017-18 और 2020-21 के बीच 10 में से सात रेल दुर्घटनाएं पटरी से उतरने के कारण हुईं। उनका कहना है कि इसे ग़लती से नज़रअंदाज़ कर दिया गया। उन्होंने कहा, "2017 और 2021 के बीच, ईस्ट कोस्ट रेलवे में सुरक्षा के लिए रेल और वेल्ड (ट्रैक रखरखाव) का शून्य परीक्षण हुआ। इन गंभीर लाल झंडों को नज़रअंदाज़ क्यों किया गया?"

खड़गे ने इस हादसे को भारतीय इतिहास में सबसे खराब हादसों में से एक बताया है। उन्होंने कहा, "दुख की इस घड़ी में देश एकजुट है। हालांकि इस हादसे ने हर किसी की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। क्षति अपूरणीय है। किसी भी तरह इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। परिवहन के क्षेत्र में तमाम क्रांतिकारी कदमों के बावजूद भारतीय रेल अब भी हर आम भारतीय की जीवन रेखा है।"

"रेल सबसे विश्वसनीय है होने के साथ परिवहन का सबसे किफायती तरीका है। ऑस्ट्रेलिया के पूरी आबादी के बराबर प्रत्येक दिन रेलवे यात्रियों को परिवहन करता है। मैं खेद के साथ कहता हूं कि रेलवे को बुनियादी स्तर पर मजबूत करने की बजाय खबरों में बने रहने के लिए सतही तौर पर ठीक किया जा रहा है। लगातार त्रुटिपूर्ण निर्णय लेने से रेल यात्रा असुरक्षित हो गई है और बदले में यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी हैं।"

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