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'अधिकतम डींगें, न्यूनतम उपलब्धियां' ही अमित शाह के कार्यकाल की पहचान: कांग्रेस

कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले और मणिपुर में हिंसा को लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर...
'अधिकतम डींगें, न्यूनतम उपलब्धियां' ही अमित शाह के कार्यकाल की पहचान: कांग्रेस

कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले और मणिपुर में हिंसा को लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि बतौर गृह मंत्री उनके कार्यकाल की पहचान "अधिकतम डींगें, न्यूनतम उपलब्धियां" रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में शांति को लेकर गृह मंत्री के दावे बेतुके और तथ्यविहीन हैं। शाह ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार के 11 साल राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति स्थापित हो चुकी है, भारत अब आतंकवादी हमलों का जवाब आतंकियों के घर में घुसकर देता है। यह मोदी सरकार के तहत भारत की बदलती तस्वीर को दर्शाता है।’’

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा कल जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में शांति को लेकर किए गए दावे बेतुके और तथ्यविहीन हैं। ये दावे दरअसल उनके अपनी भारी-भरकम विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए किए गए हैं।" उन्होंने कहा कि गत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादी अब तक न्याय के कठघरे में नहीं लाए गए हैं। रमेश के अनुसार कुछ खबरों में दावा किया गया है कि ये ही आतंकी दिसंबर 2023 में पुंछ और अक्टूबर 2024 में गगनगीर व गुलमर्ग में हुए आतंकी हमलों में भी शामिल थे।

कांग्रेस नेता ने दावा किया, "मणिपुर अब भी जल रहा है. राष्ट्रपति शासन पूरी तरह विफल साबित हुआ है, राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी और आजीविका की बदहाली ने उनके भीतर पीड़ा, निराशा और गुस्से को जन्म दिया है - जो हर तरफ महसूस किया जा सकता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय गृह मंत्री न तो पहलगाम के आतंकियों को सजा दिला पाए, न ही मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल कर पाए, फिर भी वह इन दोनों राज्यों में अपनी कथित उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटते हैं।

रमेश ने कटाक्ष करते हुए कहा, "स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद ही कभी ऐसा केंद्रीय गृह मंत्री रहा हो जिसके पूरे कार्यकाल की पहचान हो -अधिकतम डींगें, न्यूनतम उपलब्धियां। हां, अगर उनके बेटे के लिए जो कुछ उन्होंने किया है, उसे उपलब्धि माना जाए, तो बात अलग है।"

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