बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी पूर्व सहयोगी यानी भाजपा पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जैसे राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
उत्तरी बिहार जिले में एक समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने वर्तमान भाजपा नेतृत्व पर अहंकारी होने का आरोप लगाया। उन्होंने वर्तमान भाजपा नेतृत्व पर तंज कसते हुए अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के युग से सीख लेने की हिदायत दी।
बिहार सीएम ने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा, "उन्होंने लालू जी के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके कारण मैंने उनसे अपने संबंध तोड़ लिया था। जिसका कोई हल नहीं निकला और अब जब हम फिर से साथ हैं तो वे उनके खिलाफ नये मामले दर्ज कर रहे हैं। इससे आप इन लोगों के काम करने की शैली का पता लगा सकते हैं।"
लालू प्रसाद का नाम कुछ साल पहले होटल बनाने के लिए आईआरसीटीसी की जमीन में कथित तौर भ्रष्टचार के संबंध में आया था। जिसमें उनके बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोप बनाया गया था, जिसके बाद नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार से रिश्ता तोड़ भाजपा के साथ चले गए थे। अब फिलहाल भाजपा से नाता तोड़ने के बाद बिहार के नीतीश विपक्षी एकता के केन्द्र में बने हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार भाजपा छोड़कर 2015 में राजद के साथ चुनाव लड़ने के बाद सरकार में शामिल हुए थे। इसके दो साल बाद ही उन्होंने राजद से नाता तोड़कर फिर भाजपा के साथ बिहार में सरकार बना ली, लेकिन 2022 में उन्होंने फिर से भाजपा का साथ छोड़कर राजद के साथ मिल गए। इस वजह से अक्सर लोग नीतीश की आलोचना करते हैं और उनके प्रति अविश्वास प्रकट करते हैं।