कांग्रेस ने शुक्रवार को बिहार आरक्षण कानून को संविधान की 9वीं अनुसूची का हिस्सा बनाने, आरक्षण के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन करने और अनुच्छेद 15 (5) को लागू करने की अपनी मांग दोहराई, जो निजी शिक्षण संस्थानों में एससीएस, एसटी, ओबीसी और ईबीसी के लिए आरक्षण को सक्षम बनाता है।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी निश्चित रूप से संसद के आगामी मानसून सत्र में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए बुनियादी महत्व के इन तीन मुद्दों को उठाएगी।
रमेश ने एक्स न्यूज चैनल से कहा, "प्रधानमंत्री आज बिहार में हैं। बिहार में पूर्ववर्ती इंडिया ब्लॉक सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण के आधार पर बिहार सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अति पिछड़ा वर्गों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा था। इसे अदालत में चुनौती दी गई है।"
उन्होंने कहा, "बिहार में डबल इंजन की सरकार ने हार मान ली है। लेकिन तीन ऐसे रास्ते हैं जिनकी कांग्रेस लंबे समय से मांग कर रही है, जिससे 65 प्रतिशत आरक्षण वास्तविकता बन जाएगा।"
रमेश ने बिहार आरक्षण कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण की रक्षा के लिए 1994 में नरसिम्हा राव सरकार ने ऐसा किया था।
उन्होंने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा अति पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को हटाने के लिए संविधान में संशोधन करने का भी आह्वान किया।
रमेश ने कहा कि यह सीमा पिछले छह दशकों में सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों के कारण ही लगाई गई है।
उन्होंने कहा, "अनुच्छेद 15(5) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों और अति पिछड़ों के लिए निजी शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण का प्रावधान करता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2006 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार द्वारा पेश किए गए संविधान संशोधन को बरकरार रखे जाने के बाद पिछले 11 वर्षों में इसे लागू नहीं किया गया है।"
रमेश ने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस 21 जुलाई 2025 से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए बुनियादी महत्व के इन तीन मुद्दों को उठाएगी।
उनकी यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी की शुक्रवार से शुरू होने वाली दो दिवसीय तीन राज्यों की यात्रा से पहले आई है। इस यात्रा में बिहार और ओडिशा में कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योग कार्यक्रम में भाग लेना शामिल है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मोदी शुक्रवार को बिहार के सीवान और ओडिशा के भुवनेश्वर में होंगे और जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। सीवान में वह 400 करोड़ रुपये से अधिक लागत की नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन परियोजना का उद्घाटन करेंगे और इस मार्ग पर एक नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे।