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कर्नाटक: क्या आज होगा मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के शासन का अंतिम दिन, भाजपा किसको देगी कमान?

कर्नाटक में सोमवार को बीएस येदियुरप्पा की सरकार अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है। वहीं आज तय हो...
कर्नाटक: क्या आज होगा मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के शासन का अंतिम दिन, भाजपा किसको देगी कमान?

कर्नाटक में सोमवार को बीएस येदियुरप्पा की सरकार अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर रही है। वहीं आज तय हो जाएगा कि बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहेंगे या फिर नहीं।

इससे पहले रविवार को जब येदियुरप्पा से पूछा गया कि क्या वो सोमवार के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो इस पर उन्होंने कहा, "कल देखेंगे। अभी तक मुझे पार्टी हाई कमांड से कोई जानकारी नहीं मिली है। आज रात या कल सुबह तक मुझे पता चल जाएगा। आलाकमान से जानकारी मिलने के बाद ही फैसला लूंगा।"

वहीं कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच रविवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने येदियुरप्पा की प्रशंसा की थी और कहा था कि वो अच्छा काम कर रहे हैं।

एक दलित मुख्यमंत्री को उनकी जगह लेने के बारे में पूछे जाने पर, येदियुरप्पा ने कहा, "मैं इसके बारे में फैसला करने वाला नहीं हूं, यह आलाकमान को तय करना है। आइए पहले देखते हैं कि वे आज क्या फैसला लेते हैं..."

माना जाता है कि बीजेपी के लिए कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा मजबूरी हैं, क्योंकि वो लिंगायत समुदाय से आते हैं और येदियुरप्पा के कारण लिंगायत वोटर भाजपा का समर्थन करते हैं। हाल ही में येदियुरप्पा ने लिंगायत संतों से मुलाकात की थी, जिसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व से उन्हें आलोचनाएं भी मिली थीं।

फिलहाल यह भी माना जा रहा है कि आरएसएस भी येदियुरप्पा के स्थान पर लिंगायत समुदाय से ही आने वाले किसी और मंत्री या विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। मगर सूत्र बताते हैं कि इस बार बीजेपी गैर-लिंगायत को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में भी सोच रही है।

अगले मुख्यमंत्री के तौर पर तीन नामों की चर्चा है। पहला नाम है बसवराज बोम्मई का, जो लिंगायत समुदाय से आते हैं और अभी कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री होने के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री और कानून मंत्री भी हैं। जबकि दूसरा नाम विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी का है, जो ब्राह्मण हैं और कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष हैं। तीसरा नाम केंद्रीय कोयला खनन मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी का है।

सियासी फेरबदल की अटकलों के बीच 500 से अधिक लिंगायत संतों ने येदियुरप्पा को नहीं हटाने की मांग की है। रविवार को मुरुगा मठ के संत श्री शिवमूर्ति शरानारू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चाहते हैं कि वो (येदियुरप्पा) मुख्यमंत्री बने रहें, मगर ये फैसला हाई कमांड (बीजेपी) पर है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी आलाकमान उचित निर्णय लेगा।

 

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