बीजेपी के वरिष्ठ नेता 82 वर्षीय नाईक ने राजनीति में 60 साल के अपने अनुभवों को संजोते हुए मराठी में लिखी अपनी किताब 'चरैवेति, चरैवेति' (चलते रहो) में गोविंद पर ये आरोप लगाए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में पेट्रोलियम मंत्री का पदभार संभाल चुके नाईक ने अपने इस संस्मरण में लिखा कि मुंबई उत्तर सीट पर महज 11,000 वोटों से हुई हार को स्वीकार करना उनके लिए काफी मुश्किल था। इससे पहले वह इस सीट पर लगातार तीन बार से जीतते रहे थे। उनका आकलन है कि उनकी इस अप्रत्याशित हार की पीछे अंडरवर्ल्ड का हाथ था।
उनका आरोप है कि इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गोविंदा के दाऊद इब्राहीम से रिश्ते थे और उन्होंने वोटरों को डराने के लिए इसका इस्तेमाल किया था। अपनी किताब में नाईक ने एक टीवी चैनल पर भी वोटरों को प्रभावित करने के लिए सिर्फ गोविंदा की फिल्में दिखाने का आरोप लगाया है।
उधर 52 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा ने यूपी के राज्यपाल की इस टिप्पणी को कथित रूप से खारिज किया है। वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री राम शिंदे ने इस आरोपों पर प्रतिक्रिया में कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो इन आरोपों की जांच कराई जाएगी। हालांकि वह पुराने दिनों की बात है, जब इस तरह की साठगांठ रहा करती थी। मौजूदा सरकार ऐसी चीजें नहीं होने देगी।'
राम नाईक का आरोप, गोविंदा ने मुझे हराने के लिए दाऊद की मदद ली
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया है कि अभिनेता से राजनीति में आए गोविंदा ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की मदद ली थी।

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