राज्यसभा में दिल्ली से संबंधित विधेयक पारित होने के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर पिछले दरवाजे से सत्ता ‘हथियाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने यह भी कहा कि यह दिल्ली के लोगों के मताधिकार का ‘अपमान’ है।
संसद ने सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ विधेयक पारित कर दिया, जो दिल्ली सरकार में नौकरशाही पर केंद्र सरकार को नियंत्रण देता है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े।
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करना है।
केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक भी सीट नहीं देगी।
केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा उनके और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है और इसलिए दिल्ली के लोगों पर ”अत्याचार” कर रही है।
खुद को ‘दिल्ली का बेटा’ बताते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि लोग उन्हें पसंद करते हैं।
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह विधेयक देश के संघीय ढांचे के लिए ‘खतरे की घंटी’ है।
चंडीगढ़ में आप के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ”आज राज्यसभा में लाया गया यह अध्यादेश (विधेयक) न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि यह हमारे संघीय ढांचे के लिए भी खतरे की घंटी है।”
उन्होंने कहा, ”लोकतंत्र को बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम करेंगे।” मान ने कहा,’यह अकेले दिल्ली या अरविंद केजरीवाल की लड़ाई नहीं है। यह 140 करोड़ लोगों की लड़ाई है। देश के हितों से समझौता किये जाने का हम विरोध करेंगे। चाहे मणिपुर हो, या हरियाणा, जहां भी नफरत की राजनीति होगी, हम विरोध करेंगे।’