उन्होंने दावा किया कि अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के काम करने के बावजूद, नेतृत्व ने उन्हें चुनाव लड़ने से वंचित करने के लिए सीट बंटवारे को लेकर गठजोड़ किया। दोनों पार्टियों के प्रदर्शनकारियों ने यह भी दावा किया कि उनके संबद्ध उम्मीदवारों के पास सीटें जीतने की क्षमता थी, पर अब सीटें उन नए उम्मीदवारों को बेच दी गई हैं जिन्होंने कभी क्षेत्र में काम नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा, उन्होंने हमें कमतर आंका और हम क्या कर सकते हैं।
इन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी नेतृत्व अपने तुच्छ राजनीतिक हित की पूर्ति के लिए गठजोड़ पर आगे बढ़ा जबकि जमीनी स्तर पर पार्टी नेता और कार्यकर्ता एक दूसरे दल से हाथ मिलाने का सख्त विरोध कर रहे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हाल ही में पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व नेता हिमंत विश्व शर्मा को राज्य में गठजोड़ के पीछे हाथ होने का जिम्मेदार ठहराया। एजीपी के शीर्ष नेतृत्व की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ एक घंटे की चर्चा के बाद दिल्ली में कल पूर्व मुख्यमंत्री एवं एजीपी नेता प्रफुल्ल कुमार महंत ने विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियों के नेताओं के मिल कर लड़ने की घोषणा की थी।