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यमुना जहर विवाद: निर्वाचन आयोग पहुंचे केजरीवाल, ‘संदेशवाहक को निशाना बनाने’ का लगाया आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल यमुना के जल में “जहर मिलाए जाने” संबंधी अपने बयान को...
यमुना जहर विवाद: निर्वाचन आयोग पहुंचे केजरीवाल, ‘संदेशवाहक को निशाना बनाने’ का लगाया आरोप

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल यमुना के जल में “जहर मिलाए जाने” संबंधी अपने बयान को लेकर जारी नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए शुक्रवार को यहां निर्वाचन आयोग के कार्यालय पहुंचे। केजरीवाल के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान भी मौजूद थे।

आयोग के कार्यालय जाने से पहले केजरीवाल ने पत्रकारों से कहा कि दूसरे नोटिस में इस्तेमाल की गई भाषा से संकेत मिलता है कि आयोग पहले ही अपनी कार्रवाई तय कर चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग आप को उसकी आवाज उठाने के लिए निशाना बनाकर "संदेशवाहक को निशाना" बना रहा है।

केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ‘आप’ को बदनाम करने की एक राजनीतिक साजिश है ताकि अत्यधिक अमोनिया वाले "जहरीले" पानी के कारण आधी दिल्ली को प्यासा रखा जा सके। ‘आप’ प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली के लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि हमारा संघर्ष सफल रहा है और यमुना में अमोनिया का स्तर जो 26-27 जनवरी से 7 पीपीएम था, अब घटकर 2.1 पीपीएम हो गया है।’’

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आयोग से मुलाकात के लिए समय नहीं मांगा, लेकिन वह वहां जा रहे हैं। केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर उनके बयान को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और दावा किया था कि हरियाणा से दिल्ली को आपूर्ति किए जाने वाले यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बहुत अधिक है।

आयोग ने उन्हें दो नोटिस जारी कर उनके इस आरोप पर जवाब मांगा है कि भाजपा सरकार ने दिल्ली में "नरसंहार" की कोशिश के तहत यमुना के पानी में "जहर" मिलाया है। शुक्रवार को केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने चुनावों को प्रभावित करने के लिए खड़े किए गए कृत्रिम जल संकट से दिल्ली को बचाया, लेकिन आयोग ने उन्हें नोटिस भेज दिया।

नयी दिल्ली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे केजरीवाल से शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा जहर का पता लगाने के लिए इंजीनियरों, स्थान और कार्यप्रणाली का विवरण साझा करने को कहा गया है, अन्यथा आयोग मामले में उचित निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा। 

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