भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। खासकर आर्थिक मोर्चों को लेकर उन्होंने केन्द्र सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में अपने लेख में उन्होंने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज गति से हो पा रहा है। निवेश घट रहा है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और व्यापार पर काफी असर पड़ा है।
'नोटबंदी एक बड़ी आर्थिक आपदा'
यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी के फैसले पर कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया। नोटबंदी एक बड़ी आर्थिक आपदा साबित हुई है। ठीक तरीके से सोची न गई और घटिया तरीके से लागू करने के कारण जीएसटी ने कारोबार जगत में उथल-पुथल मचा दी है। वहीं जीडीपी पर उन्होंने लिखा कि जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। यदि पुरानी पद्धति के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती।
जेटली पर तंज
यशवंत सिन्हा ने चुटकी लेते हुए लिखा है, “प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है। ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम कर रहे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखाएं।”
उन्होंने लिखा कि कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही यह निश्चित माना जा रहा था कि जेटली ही वित्त मंत्री बनेंगे। अपनी लोकसभा सीट हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका।
सिन्हा ने अटल सरकार को याद करते हुए लिखा कि इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन भी वाजपेयी के करीबी थे, इसके बावजूद मंत्री नहीं बनाया गया था। लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला। उन्होंने लिखा, “मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है मुझे पता है ये आसान काम नहीं है। यह एक 24 घंटे का काम है जिसे जेटली जैसे सुपरमैन भी पूरा नहीं कर सकते हैं।”
जीडीपी में गिरावट ‘तकनीकी’ नहीं
सिन्हा ने लिखाकि देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई ने साफतौर पर कहा है कि मंदी क्षणिक या "तकनीकी" नहीं है। आगे उन्होंने लिखा कि यह खुलासा है कि भाजपा अध्यक्ष ने कुछ दिन पहले ही क्या कहा था कि आखिरी तिमाही में मंदी का कारण "तकनीकी" कारण था और जल्द ही इसे ठीक कर दिया जाएगा।
हम इंतजार कर रहे हैं...
उन्होंने लिखा है, “प्रधानमंत्री चिंतित हैं। विकास को गति देने के लिए वित्त मंत्री ने पैकेज देने का वादा किया है। हम सभी बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। नई चीज इतनी हुई है कि प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद का पुनर्गठन हुआ है। पांच पांडवों की तरह वे हमारे लिए नई महाभारत को जीतने की उम्मीद लगाएं हैं।”
पहले हमने रेडराज का किया विरोध, अब...?
सिन्हा लिखा कि सरकार ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से उनकी जांच करने को कहा है जिन्होंने बड़े क्लेम किए हैं। कई कंपनियों खासतौर से एसएमई सेक्टर में कैश फ्लो की समस्या बनी हुई है लेकिन अब वित्त मंत्रालय इसी तरीके से काम कर रहा है। जब हम विपक्ष में थे तो रेड राज का हमने विरोध किया था। आज यह सब ऑर्डर ऑफ डे हो गया है।''
किसान परेशान , कंपनी दिवालिया
यशवंत सिन्हा ने कहा, 'इस साल मॉनसून अच्छा नहीं रहा है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ेगी। किसानों को कुछ राज्य सरकारों ने लोन माफी भी दी है, जो कुछ मामलों में एक पैसे से लेकर कुछ रुपये तक है। देश की 40 बड़ी कंपनियां पहले से ही दिवालिया होने के कगार पर हैं। कई और कंपनियां भी दिवालिया हो सकती हैं। एसएमई सेक्टर भी संकट में है।
अगर मैं अब भी नहीं बोलूंगा तो....
लेख की शुरुआत में सिन्हा ने लिखा, “अगर मैं अब भी नहीं बोलूंगा तो मैं अपने राष्ट्रीय कर्तव्य में असफल रहूंगा। जो कुछ मैं कह रहा हूं वह भाजपा और अन्य जगहों में बड़ी संख्या में लोगों की भावनाओं को दर्शाती है जो डर से नहीं बोल रहे हैं।”