यशवंत सिन्हा ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला हमेशा से ही राष्ट्रवादी रहे हैं, पत्थरबाजों पर उनका बयान चुनाव प्रचार के दौरान आया था। ऐसे में मैं ये नहीं कह सकता कि ये बयान किस संदर्भ में आया था। सिन्हा बोले कि अगर आज के समय में आप अलगाववादियों से बातचीत की पहल करते हैं तो आप देशद्रोही बन जाते हैं, तो क्या अटल जी और आडवाणी जी भी देशद्रोही थे। जिन्होंने अलगाववादियों से बातचीत का समर्थन किया था।
यशवंत सिन्हा बोले कि पिछले 70 वर्षों में पाकिस्तान से रिश्ते नहीं सुधर पाये हैं, क्योंकि दोनों देशों में विश्वास की कमी है। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान की ओर से नकारत्मक्ता खत्म नहीं होगी, तब तक बात करने का कोई फायदा नहीं मिल सकेगा।
गौर हो कि फारुक अब्दुल्ला ने हाल ही में कश्मीर के युवाओं को लेकर टिप्पणी की थी, उन्होंने कहा था कि पत्थर फेंकने वाले देशहित में ऐसा करते हैं। फारुख अब्दुल्ला ने बयान में भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका को मध्यस्थता करने की बात कही थी। फारुख के इस बयान के बाद काफी बवाल मचा था।