कांग्रेस के "धन पुनर्वितरण" चुनावी वादे पर राजनीतिक घमासान के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के सैम पित्रोदा की उस टिप्पणी पर हमला बोला, जिसमें उन्होंने 'विरासत कर' जैसे कानून की वकालत की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि देशवासी अपनी संपत्ति अपने बच्चों को सौंपें।
प्रधानमंत्री ने सरगुजा में एक चुनावी रैली में कहा, "शाही परिवार के राजकुमार के सलाहकार ने कहा है कि मध्यम वर्ग पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए। अब ये लोग इससे एक कदम आगे बढ़ गए हैं, कांग्रेस का कहना है कि वह विरासत कर लगाएगी, और माता पिता से विरासत में प्राप्त संपत्ति पर भी कर लगाएगी। आपने अपनी मेहनत से जो संपत्ति अर्जित की है, वह आपके बच्चों को नहीं दी जाएगी।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का मंत्र है 'जिंदगी के साथ भी लूटो, जिंदगी के बाद भी लूटो'।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पंजे आपसे वह भी छीन लेंगे। जब तक आप जीवित हैं, कांग्रेस अधिक कर लगाएगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे, तो यह आप पर विरासत कर का बोझ डालेगी। वे लोग जिंहलने कांग्रेस को अपनी पैतृक पार्टी माना, अब नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति को अपने बच्चों को सौंपें।''
टिप्पणियों के विवाद में घिरने के बाद पित्रोदा ने इस मुद्दे को कमतर करने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्होंने उदाहरण के तौर पर केवल अमेरिका में विरासत कर का हवाला दिया था।
उन्होंने कहा, "किसने कहा कि 55 प्रतिशत छीन लिया जाएगा? किसने कहा कि ऐसा कुछ। भारत में किया जाना चाहिए? भाजपा और मीडिया क्यों घबराए हुए हैं? मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के रूप में अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख किया था क्या मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर सकता? मैंने कहा कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी। इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है।''
कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पित्रोदा की टिप्पणियों से खुद को यह कहते हुए अलग कर लिया है कि उनकी टिप्पणियां हर समय पार्टी के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र पर हमला जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल ने हमेशा धर्म के आधार पर आरक्षण लागू करने की योजना बनाई है।
पीएम ने कहा, "जब कांग्रेस का घोषणापत्र आया था, मैंने उसी दिन कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की मुहर है। जब संविधान बन रहा था तो बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में तय हुआ था कि संविधान बनेगा। भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं, लेकिन वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने न तो इन महापुरुषों की बातों की परवाह की, न संविधान की पवित्रता की परवाह की और न ही बाबा साहब अंबेडकर की बातों की परवाह की।"
उन्होंने कहा, "वर्षों पहले कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की थी। फिर कांग्रेस ने इसे पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई। कांग्रेस ने कहा कि एससी/एसटी और ओबीसी कोटा का कुछ हिस्सा चुराकर धर्म के आधार पर कुछ लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस के कुशासन का नतीजा देश के विनाश की ओर गया, लेकिन बीजेपी आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।" उन्होंने 2008 बटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरों पर आंसू बहाने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर भी कटाक्ष किया, जैसा कि सलमान खुर्शीद ने कहा था।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस हिंसा फैलाने वाले लोगों का समर्थन कर रही है और उन्हें बहादुर कहती है। इस कांग्रेस के सबसे बड़े नेता आतंकवादियों के मारे जाने पर आंसू बहाते हैं। ऐसे कार्यों के कारण कांग्रेस ने देश का विश्वास खो दिया है।"