नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद सत्र के पहले दिन विपक्ष पर हमला करने के बजाय ‘नीट’ विवाद पर बोलना चाहिए था. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विपक्ष पर हमला करना माननीय प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है और हम यह उम्मीद नहीं करते कि हालिया चुनावों में भाजपा की करारी हार से इसमें कोई बदलाव आएगा, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री के लिए यह उचित होता कि वह उन युवाओं के लिए कुछ शब्द बोलते, जिनके लिए नीट घोटाला काफी मायने रखता है.’’ अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘परीक्षा पे चर्चा छात्रों के हितों के प्रति एक दीर्घकालीन प्रतिबद्धता है.’’उन्होंने 18वीं लोकसभा के पहले दिन प्रधानमंत्री की टिप्पणियों के जवाब में यह बात कही. इससे पहले, प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में कहा, ‘‘लोग विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद करते हैं लेकिन अब तक यह निराशाजनक रहा है.’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और लोग नारे नहीं, बल्कि ठोस काम चाहते हैं. वे संसद में चर्चा चाहते हैं व्यवधान नहीं.’’ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी उम्मीद जताई कि संसद सदस्य दलगत भावना से ऊपर उठेंगे और सदन में ‘नीट’ का मुद्दा उठाएंगे. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सैकड़ों निर्वाचित सांसद आज शपथ लेंगे. वहीं देशभर में लाखों छात्र, जिन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए दिन-रात मेहनत की है, असहाय होकर देख रहे हैं कि उनकी मेहनत बर्बाद हो रही है. महबूबा ने कहा, ‘‘आशा है कि सभी सांसद दलगत भावना से ऊपर उठकर हमारी युवा पीढ़ी के लिए आवाज उठाएंगे, जिन्हें अपना भविष्य बहुत अंधकारमय नजर आ रहा है.’’ सीबीआई ने पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में कथित गड़बड़ी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज की है.
अब्दुल्ला ने आज शपथ लेने वाले संसद सदस्यों को बधाई देते हुए यह भी कहा, ‘‘यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि उत्तर कश्मीर के लोगों ने इंजीनियर रशीद को चुना है. उन्हें शपथ लेने और अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया जाना चाहिए.’’ रशीद ने हालिया लोकसभा चुनाव में अब्दुल्ला को दो लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था. अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘जेल में बंद उन लोगों के साथ हो रहे अन्याय को जानना भी समान रूप से जरूरी है, जो चुनाव में भाग लेने में असमर्थ हैं या भाग लेने को इच्छुक नहीं हैं. हमारे सांसद, इंजीनियर रशीद सहित सभी कैदियों के लिए न्याय की जोरदार मांग करेंगे. हम यह भी मांग करेंगे कि जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में बंद इन कैदियों को उनकी रिहाई लंबित रहने तक कश्मीर की जेलों में वापस भेजा जाए.’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की मुख्य मांग पांच अगस्त 2019 के बाद हिरासत में लिये गए सभी व्यक्तियों की व्यापक आम माफी है.