नीट-यूजी में अनियमितताओं और यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने के खिलाफ सोमवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे दो दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया गया जिनमें से कुछ कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के सदस्य भी थे।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत के दिन संसद तक जुलूस निकालने की योजना बनाई थी। बड़ी संख्या में छात्र तख्तियां और एनएसयूआई के झंडे लेकर जंतर-मंतर पर 'छात्र संसद घेराव' के लिए एकत्र हुए।
विरोध प्रदर्शन से पहले पुलिस ने छात्रों को जुलूस निकालने से रोकने के लिए इलाके में बैरिकेड लगा दिए। मौके पर अर्धसैनिक बलों सहित दिल्ली पुलिस की भारी तैनाती की गई थी।
मीडिया के साथ साझा किए गए विरोध प्रदर्शन के दृश्यों के अनुसार कुछ छात्रों ने बैरिकेड को पार करने की कोशिश की। एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि मार्च के लिए अनुमति नहीं दी गई थी, इसलिए दिल्ली पुलिस उन्हें हिरासत में लेकर विभिन्न पुलिस थानों में ले गयी।
इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि इस तरह के किसी जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं दी गई है और ऐसा करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
पांच मई को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) को रद्द करने की मांग के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि गड़बड़ी की घटनाएं "स्थानीय" या "इक्का दुक्का" थीं और उचित तरीके से परीक्षा पास करने वाले लाखों अभ्यर्थियों के करिअर को जोखिम में डालना ठीक नहीं था।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित अनियमितताओं के संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
यूजीसी-नेट-2024 परीक्षा 18 जून को देशभर में दो पाली में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की गई थी।