भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बृहस्पतिवार को अपनी ‘व्यक्तिगत’ राय व्यक्त की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए।
बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। मीडिया के वर्ग में अटकलें हैं कि भाजपा द्वारा 74 वर्षीय नीतीश कुमार को ‘‘सम्मानजनक विदाई’’ की पेशकश की जा सकती है।
दिवंगत सुशील कुमार मोदी जैसे भाजपा नेताओं ने तो यहां तक दावा किया था कि कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे और इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए उनके नाम पर विचार न किए जाने के विरोध में उन्होंने 2022 में राजग छोड़ दिया था।
हालांकि, चौबे की टिप्पणी को जद (यू) के साथ-साथ विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि ‘‘राजग के सभी सहयोगी मुख्यमंत्री को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन के नेता के रूप में स्वीकार करते हैं’’।
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने चौबे पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘‘भाजपा का स्वयंभू प्रवक्ता’’ कहा, जिन्हें उनकी अपनी पार्टी ने ही दरकिनार कर दिया है, जो उन्हें या उनके बेटे को जगह देने को तैयार नहीं है।
राजद नेता ने कहा, ‘‘बेशक, भाजपा नीतीश कुमार से छुटकारा पाना चाहती है। लेकिन चौबे को यह समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हमारे नेता तेजस्वी यादव काबिज होंगे। भाजपा के सभी नेता बिहार में सत्ता की सर्वोच्च सीट के बारे में दिवास्वप्न देख सकते हैं।’’