मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में एनडीए के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के एक दिन बाद, विधानसभा अध्यक्ष के पद और अन्य विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने के लिए जोरदार पैरवी शुरू हो गई। बता दें कि कुमार ने सोमवार को विभागों के बंटवारे के लिए अपने नए मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की।
कैबिनेट बैठक के बाद एनडीए घटक दलों के नेता विभागों के बंटवारे को लेकर चुप्पी साधे रहे। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट सचिवालय सोमवार शाम तक पोर्टफोलियो वितरण से संबंधित अधिसूचना जारी कर सकता है। कैबिनेट बैठक में रविवार को शपथ लेने वाले सभी आठ मंत्री शामिल हुए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के अलावा, भाजपा के प्रेम कुमार, जदयू नेता श्रवण कुमार, विजेंद्र यादव और विजय कुमार चौधरी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने शपथ ली। रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद कुमार ने कहा कि अब एनडीए छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है।
72 वर्षीय राजनेता ने कहा, "मैं पहले भी उनके (एनडीए) साथ था। हम अलग-अलग रास्तों पर चले गए, लेकिन अब हम साथ हैं और रहेंगे। मैं जहां (एनडीए) था, वहां वापस आ गया और अब कहीं और जाने का सवाल ही नहीं उठता।"
इस बीच, भाजपा ने राजद का प्रतिनिधित्व करने वाले अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा है। नोटिस में भाजपा नेताओं ने वर्तमान स्पीकर में विश्वास की कमी व्यक्त की है क्योंकि नई सरकार सत्ता में आ गई है। प्रस्ताव पर भाजपा के साथ-साथ जदयू के विधायकों ने भी हस्ताक्षर किये।
पीटीआई ने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से बताया है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी के पास रहने की उम्मीद है। स्पीकर पद के लिए जिन नामों की चर्चा चल रही है उनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव और अमरेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी शामिल है। भाजपा नेताओं ने सोमवार को संकेत दिया कि अन्य जातियों, अल्पसंख्यक समूहों और महिलाओं से संबंधित विधायकों को जगह देने के लिए एक या दो दिन में कैबिनेट का और विस्तार किया जाएगा।
जद(यू) नेता ने नाम न छपने की शर्त पर समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल होने वालों में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, नितिन नबीन, रामप्रीत पासवान, जनक राम, श्रेयशी सिंह और जदयू नेता सुनील कुमार सिंह, मदन सहनी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज, अशोक चौधरी और जद (यू) नेता संजय झा शामिल हैं।