ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह का मानना है कि राजनीति करना खेलों से ज्यादा मुश्किल काम है लेकिन उन्होंने कहा कि वह जीत हासिल करने तक मैदान नहीं छोड़ेंगे।
विजेंदर ने कहा,‘‘मेरे लिए मुक्केबाजी करना आसान है। मुझे यह पसंद है। इसमें आप जानते हैं कि आपको किससे मुकाबला करना है। राजनीति में एक मोर्चे पर ही मुकाबला नहीं लड़ना पड़ता है, इसमें आपको कभी-कभी अपने बगल में खड़े व्यक्ति से भी मुकाबला करना पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह बहुत जोखिम भरा है। लेकिन मैं राजनीति में बना रहूंगा, जब तक मैं जीत नहीं जाता, तब तक मैं इसे नहीं छोडूंगा।’’ इस 38 वर्षीय खिलाड़ी से जब पूछा गया कि वह फिर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा,‘‘जिंदगी एक बार मिलती है, जोखिम लेना चाहिए।’’
विजेंदर ने कहा,‘‘जब आप बूढ़े हो जाते हैं, तो आपको यह अफसोस नहीं होना चाहिए कि काश मैंने कोशिश की होती। क्यों मना कर दिया। हार तो बाद की बात है। अगर जीत गए तो बल्ले-बल्ले, हार गए तो कोई ना, फिर कोशिश कर लेंगे।’’