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यूपी चुनाव से पहले ओवैसी ने क्यों खेला 'हिंदुत्व कार्ड', 7 सितंबर को पहुंचेंगे 'राम की नगरी' अयोध्या; जानें- बीजेपी के पास क्या है काट

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में भगवाधारी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली...
यूपी चुनाव से पहले ओवैसी ने क्यों खेला 'हिंदुत्व कार्ड', 7 सितंबर को पहुंचेंगे 'राम की नगरी' अयोध्या; जानें- बीजेपी के पास क्या है काट

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में भगवाधारी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। सीएम योगी का दावा है कि फिर से उनकी अगुवाई में अगली सरकार भाजपा की होगी। वहीं, अब एआईएमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हिंदुत्व कार्ड खेल दिया है। लेकिन, सवाल है कि ये कितना असरदार होगा। 7 सितंबर से राम की नगरी कहे जाने वाले अयोध्या से ओवैसी यूपी की तीन दिवसीय यात्रा शुरू करने का फैसला किया है।

ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने बताया है कि ओवैसी अयोध्या जिले के रुदौली में 18वीं सदी के सूफी संत शेख आलम मखदूम जदा की समाधि पर जाएंगे और सात सितंबर को दरगाह के आसपास जनसभा करेंगे। उन्होंने कहा, 'आठ और नौ सितंबर को वह क्रमश: सुल्तानपुर और बाराबंकी में जनसभा करेंगे।'

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने कहा, "रुदौली एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां से मुस्लिम उम्मीदवार आसानी से जीत सकते हैं, लेकिन पिछले दो चुनावों में वोटों का बंटवारा हुआ क्योंकि बसपा ने मौजूदा सपा विधायक रुश्दी मियां के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।" उन्होंने कहा, "अब ओवैसी आने वाले चुनावों में भी ऐसा ही करने की कोशिश कर सकते हैं।"

एक स्थानीय मौलवी मुख्तार अहमद ने कहा, "ओवैसी भारत में एकमात्र मुस्लिम आवाज हैं जिन्होंने हमेशा संसद में मुस्लिम मुद्दों को उठाया है। पहले, हमें उनकी बात सुननी चाहिए, उन्हें समझना चाहिए और फिर उनके बारे में एक राय बनानी चाहिए।"

बता दें, उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं। जिसे लेकर ओवैसी ने गुरुवार को हैदराबाद में संवाददाताओं से कहा कि उनका यूपी का तीन दिवसीय दौरा अभी शुरुआत है और चुनाव नजदीक आने पर वह राज्य के कई स्थानों पर जाएंगे।

उन्होंने कहा, "हमें लोगों से मिलना है। हमें लोगों के करीब जाना है। हमें अपने कैडर को मजबूत करना है, यूपी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को चुनना है और योगी (आदित्यनाथ) सरकार को हराना है।"

 

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