कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 29 दिसंबर को दावा किया कि मुसलमानों के बाद हिंदुत्व ब्रिगेड का नया निशाना अब ईसाई हैं। उनका बयान तब आया जब सरकार ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) पंजीकरण को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया है।
पी चिदंबरम, जो गोवा के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक हैं, ने यह भी दावा किया कि मुख्यधारा की मीडिया ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमओसी) से संबंधित गृह मंत्रालय की कार्रवाई की खबर को अपने मुख्य पृष्ठों से हटा दिया। चिंदम्बरम ने इसे "दुखद और शर्मनाक" करार दिया।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, "एमओसी के नवीनीकरण की अस्वीकृति उन गैर सरकारी संगठनों पर सीधा हमला है जो भारत के 'गरीब और हाशिये' पर पड़े लोगों के लिए जन सेवा कर रहे हैं।"
चिदंबरम ने कहा कि एमओसी के मामले में सरकार की कार्यवाई उसकी ईसाई धर्मार्थ कार्यों के प्रति पूर्वाग्रह को प्रकट करती है। मुसलमानों के बाद, अब ईसाई हिंदुत्व ब्रिगेड के नए निशाना हैं।