लोकसभा में भाजपा सांसद अर्जुन मेघवाल ने रॉबर्ट वाड्रा के फेसबुक पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह संसद का अपमान है। उन्होंने नोटिस देते हुए इस पर बोलने का समय मांगा। इसका कांग्रेस की तरफ से भारी विरोध हुआ। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर पहले से ही आसन के समक्ष नारेबाजी कर रहे कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य वाड्रा संबंधी टिप्पणी से और अधिक आक्रोशित हो उठे। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया, जिसके चलते अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही लगभग सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
शून्यकाल में भाजपा के प्रह्लाद जोशी ने वाड्रा की टिप्पणी को संसद पर हमला बताते हुए कहा कि इससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंची है। उन्होंने मांग की कि वाड्रा को तुरंत सदन में बुलाकर उन्हें उनकी टिप्पणी के लिए दंडित किया जाए। उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजे जाने की मांग की। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वाडा सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिए जोशी की टिप्पणी को कार्यवाही से निकाला जाए।
सदन में मौजूद सोनिया गांधी, जोशी की इस टिप्पणी पर उद्वेलित नजर आईं और अपनी पार्टी के सदस्यों से कुछ कहती दिखीं।
वाड्रा ने क्या लिख डाला
वाडा ने 21 जुलाई को फेसबुक पर संसद सत्र के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था, संसद शुरू हो गई है और साथ ही शुरू हो गई है उनकी क्षुद्र विभाजनकारी राजनीति ...भारत की जनता बेवकूफ नहीं है्...खेद है कि भारत का नेतृत्व एेसे तथाकथित नेता कर रहे हैं।