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तीन दिनों की बहस के बाद लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा, विपक्षी सांसदों का वॉकआउट

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक द्वारा लाए गए अविश्वास...
तीन दिनों की बहस के बाद लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिरा, विपक्षी सांसदों का वॉकआउट

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले तीन दिनों की तीखी बहस के बाद, प्रस्ताव गुरुवार को लोकसभा में ध्वनिमत से गिर गया। विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया और वोटिंग में भाग नहीं लिया। यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव हराया है। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

विपक्ष के कथन का जवाब देते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में 2 घंटे के लंबे संबोधन में, पिछले कुछ वर्षों में अपनी सरकार की उपलब्धियों की सराहना की और "विकास" के अन्य मामलों के सामने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विपक्षी गठबंधन पर हमला किया। "इस 21वीं सदी में प्राथमिकता लेनी चाहिए"। इस बीच, लोकसभा ने पीएम मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के भाषण में खलल डालकर 'घोर कदाचार' के लिए कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को निचले सदन से निलंबित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री द्वारा पेश प्रस्ताव पारित कर दिया। मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मणिपुर में तब किसकी सरकार थी जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के मुताबिक होता था? मणिपुर में तब किसकी सरकार थी जब सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने की इजाजत नहीं थी, जब मणिपुर में सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने की इजाजत नहीं थी तो किसकी सरकार थी? स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया?...उनका (विपक्ष का) दर्द चयनात्मक है। वे राजनीति से परे नहीं सोच सकते...''

पीएम मोदी ने कहा कि पांच मार्च 1966, कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना से हमला करवाया था। क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे, निर्दोष नागरिकों पर कांग्रेस ने हमला करवाया था। आज भी पांच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है। कांग्रेस ने इस सच को छिपाया, कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की। इस वक्त इंदिरा गांधी पीएम थीं। अकाल तख्त पर हमला सबको याद है, लेकिन ऐसे हमले पहले ही शुरू हो गए थे।

उन्होंने कहा कि 1962 का वह खौफनाक प्रसारण याद है, देश पर चीन का हमला हो रहा था। लोगों को मदद की आस थी। ऐसी विकट घड़ी में नेहरू ने वहां के लोगों को भाग्य पर जीने के लिए छोड़ दिया था। मोदी ने कहा कि जो लोग अपने आप को लोहिया का वारिस करते  हैं। लोहिया ने नेहरू पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नेहरू जान बूझकर नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं कर रहे। उस जगह को हर तरह के विकास से वंचित रखा गया है।

उन्होंने कहा कि जहां पर एक-दो लोकसभा सीट होती थीं उनकी तरफ कांग्रेस का ध्यान नहीं रहा। लेकिन हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट जिगर का टुकड़ा है। नॉर्थ ईस्ट, मणिपुर की मौजूदा स्थिति की वजह कांग्रेस है।

मोदी ने कहा, ''2018 में मैंने नेता सदन के नाते उनको काम दिया था कि 2023 में वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं। अब 2028 में लाने का काम उनको दे रहा हूं, लेकिन कम से कम थोड़ी तैयारी करके आएं ताकि जनता को लगे कि कम से कम विपक्ष के वो लायक है।''

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