जदयू से बगावत करने वाले नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है।
Sharad Yadav and Ali Anwar disqualified from Rajya Sabha (File photos) pic.twitter.com/14U0orb5cC
— ANI (@ANI) 4 December 2017
शरद यादव और बिहार सीएम नीतीश कुमार के बीच चले लंबे घमासान के बाद जेडीयू ने इस संबंध में राज्यसभा सचिवालय के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दोनों नेताओं की सदस्यता रद्द करने का निर्णय लिया।
शरद यादव का कार्यकाल अभी 5 साल बाकी था वहीं अली अनवर का 6 महीने बाकी था।
सदस्यता रद्द होने पर अली अनवर ने आगे अपील करने की बात कही। उन्होंने कहा, "मुझे जानकारी मिली जब मैं राजकोट में एक बैठक को संबोधित कर रहा था। मैं शरद यादव जी से बात करूंगा और हम एक साथ निर्णय लेंगे। हम उन सभी जगहों पर अपील करेंगे जहां हमारे लिए न्याय पाने की संभावना है।"
I received the information while I was addressing a meeting here in Rajkot.I will speak to Sharad Yadav ji and we will take a decision together. We will appeal at all those places where there is possibility for us to get justice: Ali Anwar pic.twitter.com/FHdCGidtEF
— ANI (@ANI) 4 December 2017
गौरतलब है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ नई सरकार बनाई तब से ही शरद यादव और अली अनवर ने नीतीश के इस निर्णय को गलत कारार दिया था और बिहार में महागठबंधन जारी रखने की बात कही थी।
साथ ही शरद यादव गुट ने चुनाव आयोग में भी अर्जी दाखिल कर अपने गुट को असली जदयू के रूप में मान्यता देने की मांग की। लेकिन चुनाव आयोग ने शरद यादव गुट की मांग को ठुकरा दिया और असली जदयू के रूप में नीतीश कुमार गुट की मान्यता बरकरार रखी।