महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर बुधवार को राज्यसभा में केंद्र सरकार ने रिपोर्ट पेश किया। सरकार की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ये रिपोर्ट पेश की। इससे पहले कहा जा रहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रिपोर्ट पेश करेंगे। प्रदेश में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। यहां कोई भी पार्टी राज्यपाल द्वारा दिए गए समय में बहुमत साबित करने में नाकाम रही थी जिसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी और राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगा दी थी।
24 अक्टूबर को महाराष्ट्र के परिणाम आने के बाद से ही यहां सरकार गठन पर चर्चा जारी है। मगर सरकार नहीं बन रही है, शिवसेना ने भाजपा का साथ छोड़ दिया तो एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर चर्चा जारी है। ऐसे में केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं।
एनसपी-कांग्रेस की बैठक
वहीं दूसरी ओर आज ही एनसीपी और कांग्रेस नेताओं के बीच दिल्ली में बैठक होने वाली है। एनसीपी नेता शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार और कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण और कई नेता बैठक में शामिल होंगे। बैठक में सरकार गठन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। वहीं इससे पहले 17 नवंबर को शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच बैठक हुई थी। बैठक का परिणाम बेनतीजा रहा। इसके बाद फिर से बैठक आयोजित की जा रही है।
कांग्रेस सीएमपी को देना चाहती है अंतिम रूप
कांग्रेस आधिकारिक घोषणा के लिए आगे बढ़ने से पहले न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप देना चाहती है। शिवसेना के मुख्य एजेंडे के मुद्दे पर सीएमपी के स्पष्ट उद्देश्य होंगे क्योंकि कांग्रेस शिवसेना के नेताओं के रवैये को लेकर आशंकित है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक की। पवार ने कहा कि अगर एनसीपी-कांग्रेस को सरकार बनाने पर विचार करना है, तो उन्हें पहले आपस में चर्चा करनी होगी।
21 अक्टूबर के महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा-शिवसेना के गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 और 56 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया। चुनाव पूर्व सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी ने 44 और 54 सीटें जीतीं।