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मोदी सरकार के वक्फ विधेयक पेश करते ही विपक्ष ने किया हंगामा; ओवैसी से लेकर अखिलेश, सब भड़के

लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने के बाद केंद्र पर विपक्ष के चौतरफा हमले के बीच, केंद्रीय...
मोदी सरकार के वक्फ विधेयक पेश करते ही विपक्ष ने किया हंगामा; ओवैसी से लेकर अखिलेश, सब भड़के

लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने के बाद केंद्र पर विपक्ष के चौतरफा हमले के बीच, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने सदन में विधेयक का बचाव किया। और कहा कि "किसी भी धार्मिक निकाय की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं है"।

किरण रिजिजू ने निचले सदन में विचार के लिए विधेयक पेश करते हुए कहा, "इस बिल से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं है। किसी के अधिकार लेने की बात तो छोड़िए, यह बिल उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। आज लाया जा रहा यह बिल सच्चर समिति की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस) बनाया।"

रिजिजू ने कहा, "इस बिल का विरोध करना बंद करें, यह इतिहास में दर्ज हो जाएगा, जिसने भी इसका विरोध किया है और जिसने भी इसका समर्थन किया है। इसलिए बिल का विरोध करने से पहले हजारों गरीब लोगों, महिलाओं और बच्चों के बारे में सोचें और उनका सम्मान करें।"

बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया तो विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र पर चौतरफा हमला किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी के नेताओं से लेकर ओवैसी तक पूरा विपक्ष एकजुट होकर इसका विरोध करने लगा। 

एनसीपी (एससीपी) सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार से आग्रह किया कि या तो बिल को पूरी तरह वापस लिया जाए या इसे स्थायी समिति को भेजा जाए। सुप्रिया सुले ने लोकसभा में कहा, "कृपया बिना विचार-विमर्श के एजेंडा आगे न बढ़ाएं।"

लोकसभा में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि अगर इस कानून को न्यायिक जांच के दायरे में लाया गया तो यह "नष्ट हो जाएगा।"

प्रेमचंद्रन ने कहा, "आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को कमजोर कर रहे हैं। आप सिस्टम को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस कानून को न्यायिक जांच के माध्यम से रखा गया तो यह निश्चित रूप से रद्द कर दिया जाएगा।" 

बिल का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ''ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। स्पीकर महोदय, मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं। और हमें आपके लिए लड़ना होगा। मैं इस बिल का विरोध करता हूं।"

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सदन में इस विधेयक का विरोध किया और इसे ''संघीय व्यवस्था पर हमला'' करार दिया। 

वेणुगोपाल ने सदन में विधेयक पर बोलते हुए कहा, "हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही, हम अन्य धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों के लिए विशेष है। आप यह नहीं समझते कि पिछली बार भारत के लोगों ने आपको सबक सिखाया था। यह संघीय प्रणाली पर एक हमला है।" 

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "यह बिल भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है। इस बिल को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं, जोड़ने का नहीं। यह बिल इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।" 

डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। कनिमोझी ने कहा, "यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को निशाना बनाता है।"

विधेयक का समर्थन करते हुए, जद (यू) सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने कहा, ''यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है, वे मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं। केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस) को बताना चाहिए कि कैसे हजारों सिखों को मार डाला गया, किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी को मार डाला, अब वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं।"

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया। किरेन रिजिजू ने कहा, "इस बिल से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं है। किसी के अधिकार लेने की बात तो छोड़िए, यह बिल उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले।"

विधेयक का उद्देश्य "राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और सर्वेक्षण और अतिक्रमण हटाने से संबंधित मुद्दों को प्रभावी ढंग से संबोधित करना है।"

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