राजधानी दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश का स्थान लेने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह विधेयक सरकार की मंगलवार की कार्यसूची में शामिल है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे पेश कर सकते हैं।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) अपने सभी राज्यसभा सदस्यों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उनसे 31 जुलाई से चार अगस्त तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। इसी तरह भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी अपने सभी राज्यसभा सदस्यों के लिए व्हिप जारी किया है और उक्त अवधि में सदन में मौजूद रहने व विधेयक के विरुद्ध मतदान करने को कहा है।
लोकसभा की मंगलवार की संशोधित कार्यसूची के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह सदन में 'राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक’ पेश करेंगे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय दिल्ली से जुड़े अध्यादेश के स्थान पर तत्काल इस विधेयक को लाने के कारणों को स्पष्ट करते हुए सदन में अपनी बात रखेंगे।.
संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में और वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया था कि यह विधेयक अगले हफ्ते सरकार के एजेंडे में है।
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटा रहे हैं। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) स्पष्ट कर चुका है कि वह संसद में विधेयक का विरोध करेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश 19 मई को लाया गया था। इससे एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण प्रदान कर दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए।
शीर्ष अदालत के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।
इस अध्यादेश में कहा गया है कि ‘‘राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा।