निर्दलीय राजीव चन्द्रशेखर ने आज उच्च सदन में कांगे्रस और भाजपा सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के बीच आतंकवाद प्रायोजक देश की घोषणा विधेयक 2016 पेश किया। इसमें किसी देश को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने तथा उस देश से आर्थिक एवं व्यापारिक सम्बन्ध समाप्त करने का प्रावधान है। इस निजी विधेयक में आतंकवाद प्रायोजक घोषित किये गये देश के नागरिकों पर विधिक, आर्थिक और यात्रा पर प्रतिबंघ लगाने का भी प्रावधान है।
सपा के विशम्भर प्रसाद निषाद ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के लिए विशेष वित्तीय सहायता के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक पेश किया। इस विधेयक में प्रावधान है कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और गरीब किसानों के कल्याण के लिए बुंदेलखड क्षेत्रा को वित्तीय सहायता दी जाए। निषाद ने एक अन्य निजी विधेयक भी पेश किया जिसमें संविधान का संशोधन कर नए अनुच्छेद 16 क को जोड़ने का प्रावधान है। द्रमुक के तिरूचि शिवा ने नौकरियों में महिलाओं के लिए पदों पर आरक्षण के प्रावधान वाला महिला (कार्यस्थल में आरक्षण) विधेयक पेश किया।
भाजपा नेता डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण के प्रावधानों वाला एक निजी विधेयक पेश किया। हंगामे के बीच जब उपसभापति पी जे कुरियन ने भाजपा के भूपेन्द्र यादव को उनका निजी विधेयक पेश करने को कहा तो उन्होंने इसे पेश करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि जब तक कांगे्रस विपक्ष के नेता आजाद की टिप्पणी पर माफी नहीं मांगती वह एेसा नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि कल आजाद ने सदन में नोटबंदी के सरकार के फैसले के सन्दर्भ में एक एेसी टिप्पणी की थी जिसे बाद में सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। आज भाजपा के सदस्य उच्च सदन में यह मांग करते रहे कि इस टिप्पणी के लिए कांग्रेस माफी मांगे।
एजेंसी