सरकार ने आज कहा कि वह देश में उत्पादों की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने को प्रतिबद्ध है और जो कोई भी घटिया सामान बेचेगा, उसकी खैर नहीं है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि राष्ट्रहित का विषय सर्वापरि होता है और सरकार राष्ट्रहित के विषय पर कोई राजनीति नहीं करती है और सभी दलों एवं सरकारों के योगदान को मानती है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा सर्वोच्च है और इसी को ध्यान में रखते हुए हम उपभोक्ता संरक्षण विधेयक लाने वाले हैं जिसमें घटिया सामान पर केवल मुआवजा ही नहीं देना होगा बल्कि दंड समेत सामूहिक कार्रवाई का प्रावधान होगा। पासवान ने कहा कि हमारा तरीका सरल लेकिन कानून कठोर होगा और गुणवत्ता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। आईएसआई मार्का का उल्लंघन करना संज्ञेय अपराध होगा और सजा भी होगी और ऐसा करने वाले उद्योगों पर 10 गुणा जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा, अब कोई घटिया सामान बेचेगा तो उसकी खैर नहीं। भारत यह सुनिश्चित करेगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद लोगों को उपलब्ध हों। भारतीय मानक से संबंधित पिछला काननू काफी पुराना हो गया था जिसमें बदलते आर्थिक परिदृश्य के मद्देनजर संशोधन की आवश्यकता महसूस की गई। संप्रग सरकार ने इस संबंध में एक विधेयक पेश किया था। इसे स्थायी समिति को भेजा गया था। समिति की रिपोर्ट भी आ गई थी लेकिन बाद में लोकसभा भंग हो गई। नई सरकार ने विचार-विमर्श के बाद पुराने संशोधन विधेयक के स्थान पर एक नया विधेयक लाने का फैसला किया।
पासवान ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय मानक ब्यूरो को एक राष्ट्रीय मानक निकाय घोषित करना है। हमारा उद्देश्य मानकीकरण और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना है। नए विधेयक में व्यवस्था और सेवा को भी जोड़ा गया है और दंड के प्रावधानों को कठोर बनाया गया है। लोकसभा में सदस्यों ने भारतीय मानक ब्यूरो विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक के पारित होने से भारतीय मानक ब्यूरो को दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व करने की औपचारिक मान्यता मिल जाएगी और उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित हो सकेगा।